ग्रामीण क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
कोरोना संक्रमण के चलते बाहरी प्रदेशों से अपने गांव लौटे प्रवासियों के लिए प्रदेश सरकार स्वरोजगार के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने को कदम बढ़ाने लगी है।
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग : कोरोना संक्रमण के चलते बाहरी प्रदेशों से अपने गांव लौटे प्रवासियों के लिए प्रदेश सरकार स्वरोजगार के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने को कदम बढ़ाने लगी है। जनपद चमोली में दुग्ध व्यवसाय की संभावनाओं को तलाशते हुए प्रवासियों को इसके लिए डेयरी विकास विभाग डेरी स्थापित किए जाने एवं नगरीय क्षेत्रों में मिल्क बूथ स्थापना के लिए 20 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध कराएगा।
डेयरी विकास के अधिकारियों की माने तो बीते दो माह से दुग्ध व्यवसाय उत्पादन को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों से पशुपालकों द्वारा लगातार संपर्क किया जा रहा है। जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत सहकारी विकास व गंगा गाय महिला डेयरी परियोजना के तहत तीन दुधारू पशुओं की डेयरी स्थापित करने के लिए दो लाख 46 हजार व पांच दुधारू पशुओं की खरीद को चार लाख रुपये 25 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध होगा।
डेयरी विकास विभाग चमोली के सहायक निदेशक राजेन्द्र चौहान ने बताया कि आसान दरों पर ऋण के साथ पशुओं के लिए चारा व दवाईयां भी उपलब्ध कराई जाएगी। बाहरी क्षेत्रों से पहुंचे प्रवासियों को दुग्ध संघ सहकारी समिति से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वर्तमान में सिमली दुग्ध संघ से 1500 से 2000 लीटर दूध का उपार्जन किया जा रहा है और 100 से अधिक समितियों के माध्यम से जनपद चमोली के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तक पशुपालक दुग्ध व्यवसाय को अपनाने के लिए जानकारी ले रहे हैं।
दुधारू पशुओं का क्रय राज्य के बाहर से करना होगा और इस योजना से जुड़ने के लिए आवेदन एक जून से 15 जुलाई तक दुग्ध संघ कार्यालय से प्राप्त किए जा सकते हैं। जबकि नगरीय क्षेत्र में मिल्क बूथ की स्थापना को 20 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे क्षेत्र से जारी पलायन पर विराम लगेगा।
विश्वेश्वरी देवी, प्रबंधक सिमली दुग्ध संघ