सर्विस डक्ट की डीपीआर 20 दिन में होगी तैयार
जागरण संवाददाता, देहरादून: अतिक्रमण हटाने के बाद सड़कों को बेहतर रूप देने के लिए महापौर सुन
जागरण संवाददाता, देहरादून: अतिक्रमण हटाने के बाद सड़कों को बेहतर रूप देने के लिए महापौर सुनील उनियाल गामा ने लोनिवि, ऊर्जा निगम और बीएसएनएल के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक के दिशा-निर्देशों के अनुरूप त्वरित कार्रवाई के लिए उन्होंने अधिशासी अभियंताओं के अलावा लोनिवि व ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंताओं को बुलाया था।
मंगलवार को नगर निगम कार्यालय में आयोजित बैठक में लोनिवि के अधीक्षण अभियंता आरसी अग्रवाल ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के बाद 16 सड़कें चौड़ी हो चुकी हैं। इस कारण विद्युत व टेलीफोन के पोलों को भी बढ़ी हुई चौड़ाई के अनुरूप शिफ्ट किया जाना है। हालांकि शासन ने सभी सड़कों पर सर्विस डक्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। ताकि लाइनों को भूमिगत किया जा सके। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि प्रिंस चौक से आराघर, ईसी रोड से बहल चौक, करनपुर रोड, राजपुर रोड-घंटाघर से दिलाराम चौक और चकराता रोड-घंटाघर से किशन नगर चौक की सड़कें स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्मार्ट रोड का हिस्सा बनाई गई हैं। लिहाजा, यहां देहरादून स्मार्ट सिटी लि. कंपनी ही काम करेगी। इसके अलावा ¨रग रोड जोगीवाला से नेहरूग्राम और सहस्रधारा रोड मोड़ से कृषाली तक भूमि विवाद के अलावा पेड़ों की संख्या भी अधिक है। हालांकि यहां सर्विस डक्ट का निर्माण प्रस्तावित है, जिसकी डीपीआर 20 दिन के भीतर तैयार कर दी जाएगी। दूसरी तरफ ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता शैलेंद्र सिंह ने बताया कि पोलों की शिफ्टिंग के लिए टेंडर आमंत्रित किए जा रहे हैं। यही जानकारी बीएसएनएल के अधिशासी अभियंता संजय विश्नोई की ओर से भी दी गई। सभी पक्षों की बात सुनने के बाद महापौर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि सभी विभाग संबंधित कार्यों पर त्वरित गति से करें। स्मार्ट सिटी योजना में शामिल सड़कों पर कंपनी के अधिकारियों के साथ अलग से बैठक की जाएगी। इसके अलावा गामा ने ऊर्जा निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क किनारे बेकार पड़े सीमेंट के पोलों को जल्द हटा लिया जाए और जिन स्थानों पर विद्युत पोलों पर टाइमर खराब पड़े हैं, उन्हें दुरुस्त किया जाए।
अतिक्रमण अभियान को गति देने की जरूरत
बैठक में उन सड़कों को बेहतर बनाने की बात की गई, जहां अतिक्रमण हट चुका है, मगर अभी तमाम सड़कों पर अतिक्रमण हटाया जाना शेष है। गंभीर यह कि शेष भागों में अतिक्रमण अभियान को लेकर मशीनरी अभी ठिठकी हुई है। यही नहीं जिस प्रेमनगर बाजार से तमाम प्रयास के बाद अतिक्रमण हटाया गया, वहां के हालात पहले की तरह होने लगे हैं। जब तक अभियान को पूर्ण रूप नहीं दे दिया जाता, तब तक इस तक के प्रयास सफल नहीं हो पाएंगे।