जनजीवन अस्त-व्यस्त, 72 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद
पहाड़ में बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त होकर रह गया है।
जागरण टीम, गढ़वाल: पहाड़ में बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त होकर रह गया है। बारिश से पहाड़ में कई मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे यात्रियों के अलावा ग्रामीणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चमोली जिले में 29, पौड़ी और रुद्रप्रयाग में 19-19 जबकि टिहरी जिले में पांच ग्रामीण मोटर मार्ग बंद पड़े हैं, जबकि चमोली जिले में सड़कें बंद होने से 82 गांव प्रभावित हुए हैं।
चमोली जिले में बारिश आफत साबित हो रही है। बारिश के चलते बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन से सड़क पीपलकोटी भनारपानी, क्षेत्रपाल व टैया पुल में बाधित हो गई। बारिश के बाद भूस्खलन से हाईवे बार-बार बंद होने से राहगीर परेशान हैं। रुक रुककर हो रही बारिश के चलते मलबा साफ करने में बाधा पहुंच रही है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि टैया पुल में हाईवे अभी भी अवरुद्ध है।
रुद्रप्रयाग जिले में शनिवार रात्रि हुई तेज बारिश के चलते गौरीकुंड हाईवे रविवार पूरे दिन बंद रहा। जबकि 12 ग्रामीण मोटर मार्ग बाधित चल रहे हैं। जिले के 30 गांवों का यातायात संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। गौरीकुंड हाईवे सुबह बांसवाड़ा व विद्याधाम में बाधित हो गया। लगभग दो घंटे बाद यातायात के लिए मार्ग दोनों स्थानों पर खोल दिया गया, लेकिन फिर पहाड़ी से मलबा आने के कारण बंद हो गया, दोपहर लगभग 12 बजे बांसवाड़ा में फिर से मोटर मार्ग खोल दिया गया। वहीं गौरीकुंड हाईवे गौरीकुंड के पास पाíकग स्थल पूरे दिन यातायात के लिए बाधित रहा। केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को तीन किमी पैदल चलकर ही गौरीकुंड पहुंचना पड़ा। अधिशासी अभियंता लोनिवि इंद्रजीत बोस ने बताया कि मलबा हटाया जा रहा है, जल्द से जल्द हाईवे को खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
उत्तरकाशी जिले में बारिश से गंगोत्री हाईवे मनेरी के पास और यमुनोत्री हाइवे डाबरकोट के पास बंद हुआ। गंगोत्री हाईवे मनेरी के पास भूस्खलन के कारण बाधित हुआ। यहां हाईवे रविवार करीब तीन घंटे तक बंद रहा। भटवाड़ी क्षेत्र के कई बरसाती नालों में उफान आया। भले ही कोई नुकसान नहीं हुआ। यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट के पास भूस्खलन जोन में फिर से भूस्खलन सक्रिय हुआ। यहां भी चार घंटे तक हाईवे बंद रहा।
उधर, पौड़ी जनपद में रुक-रुक कर हो रही बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों के मोटर मार्ग बंद हो रहे हैं। बारिश से जनपद में बंद हुए 19 मोटर मार्गों में राज्य मार्ग घटटूगाड़-गुमखाल-लैंसडोन- डेरियाखाल भी शामिल हैं। आर्यनगर-भटकोट मोटर मार्ग, दमदेवल गडरी मोटर मार्ग, डुंगरीपंथ छांतीखाल, हल्दूखाल-नैनीडांडा, धुमाकोट-पीपली, गैंडखाल-आमसैंण, पाबौ-गडिगांव-पिनानी-दमदेवल समेत 19 मार्ग मलबा आने से बाधित हो गए हैं। हालांकि बंद मार्गों को खोलने में लोनिवि समेत अन्य डिविजन जुटे हैं लेकिन यहां भी रुक-रुक कर हो रही बारिश बाधा बन रही है।
उधर, रविवार को नागणी के पास सुबह करीब 11.30 बजे पहाड़ी से भारी मलबा सड़क पर आ गिरा, जिस कारण ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग बाधित हो गया। यहां पर आए भारी मलबे के चलते सड़क खुलने में काफी समय लग सकता है। मलबा आने से यहां पर आवागमन बाधित हो गया, जिस कारण यात्री परेशान रहे। हाईवे बाधित होने से कई छोटे-बड़े वाहनों के अलावा सामान से लदे ट्रक भी मार्ग पर फंसे रहे। इसको देखते हुए रूट चंबा से मसूरी होते हुए देहरादून के लिए डायवर्ट किया गया। फकोट के पास भी दोपहर को मलबा आने से यहां पर भी करीब एक घंटे तक मार्ग बाधित रहा। बीआरओ के सहायक अभियंता एस. ओझा का कहना है कि मार्ग खोलने के लिए जेसीबी लगाई गई है। वहीं ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग के तीन धारा के पास भी सुबह 6.40 बजे मलबा आ गया, जिससे यहां करीब छह घंटे आवागमन बाधित रहा। रायपुर-कुमाल्डा-कद्दूखाल स्टेट हाइवे मरोड़ा पुल पर पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन से मलबा आने के कारण पिछले तीन दिनों से बाधित है। वहीं बारिश से पांच ग्रामीण मोटर मार्ग भी बाधित हो गए हैं। जिले के गजा-माणदा, फकोट-कटकोट, सल्डोगी-कसमोली, नरेंद्रनगर-नीर, रामपुर-श्यामपुर मोटर मार्ग बारिश के कारण बाधित हो गए हैं, जिस कारण ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित हो गया है।