Move to Jagran APP

12 परिवारों को लेकर जिलाधिकारी ने टेंट में बसाया लातातोली गांव

जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत भूमि अधिगृहित कर आपदा प्रभावित झलिया गांव के 12 परिवारों को सही मायने में विस्थापित किया है।

By Edited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 01:24 PM (IST)
12 परिवारों को लेकर जिलाधिकारी ने टेंट में बसाया लातातोली गांव
12 परिवारों को लेकर जिलाधिकारी ने टेंट में बसाया लातातोली गांव

गोपेश्वर, [जेएनएन]: पहली बार चमोली जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत भूमि अधिगृहित कर आपदा प्रभावित झलिया गांव के 12 परिवारों को सही मायने में विस्थापित किया है। भले ही अस्थायी तौर पर। खास बात यह है कि इस स्थान पर टेंट, लाइट, पेयजल आदि मूलभूत सुविधाओं को भी त्वरित उपलब्ध कराया गया है। जिलाधिकारी की इस पहल से जिले में विस्थापन का इंतजार कर रहे आपदा प्रभावितों को विस्थापन की आस जगी है। 

loksabha election banner

चमोली जिले में आपदा प्रभावितों की दिक्कतें किसी से छिपी नहीं है। प्रभावितों को विस्थापन के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिलते रहे हैं। या फिर त्वरित तौर पर विद्यालय या आसपास के पंचायत घरों, मंदिरों में उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से भेजा जाता रहा है। यह व्यवस्था एक-दो दिन की होने के चलते आपदा प्रभावित फिर बेघर होकर रह जाते थे। 

विकासखंड थराली के झलिया गांव में आठ जून को पहाड़ी से भारी भूस्खलन के बाद 12 परिवारों से घर खाली कराकर पंचायत घर व स्कूलों में भेजा गया था। गांव में लगातार हो रहे भूस्खलन से ग्रामीणों के घर असुरक्षित थे। 

जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए तत्काल गांव के ही आसपास अस्थायी विस्थापन के लिए भूमि चयन के निर्देश दिए थे। लेकिन गांव के पास रिजर्व फारेस्ट में सुरक्षित भूमि होने के कारण विस्थापन पर वन अधिनियम का रोड़ा था। 

जिलाधिकारी ने ग्वालदम के सीमांतर्गत रिजर्व फारेस्ट देवसारी के लातातोली तोक में भूमि का त्वरित राजस्व, वन विभाग व भू वैज्ञानिक की टीम से निरीक्षण कर रिपोर्ट ली, जिसे सुरक्षित पाया गया। जिलाधिकारी ने तात्कालिक व्यवस्था के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत लातातोली तोक में प्रस्तावित भूमि को अधिग्रहण कर प्रभावित परिवारों को विस्थापन की पहल की है। यह भूमि ग्वालदम देवाल मोटर मार्ग पर मात्र 200 मीटर पैदल दूरी पर है तथा 180 मीटर लंबा व 30 मीटर चौड़ा समतल व सुरक्षित स्थान है। 

थराली तहसील प्रशासन ने आपदा प्रभावितों को टेंट उपलब्ध कराए। जंगल में टेंटों में यह गांव बसाया गया है। ग्रामीणों के मवेशी भी आसपास ही हैं। जिलाधिकारी ने खाद्यान्न, पेयजल, विद्युत, शिक्षा, सड़क एवं शौचालय आदि मूलभूत सुविधाओं को भी तत्काल व्यवस्था करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को देकर व्यवस्था होने के बाद रिपोर्ट भी तलब की है।

विद्युत व्यवस्था अगर तत्काल न हो तो सोलर सिस्टम से जंगल में बसे इस नए लातातोली गांव को जगमग किया जाना है। प्रशासन की इस कार्रवाई से आपदा प्रभावितों में विस्थापन की आस जगी है। प्रभावितों को जगी आस जिला प्रशासन की पहल से आपदा प्रभावितों में आस जगी है।

जिले में 78 गांव प्रभावित की सूची में हैं। इन गांवों को विस्थापित किए जाने के लिए 2013 आपदा के बाद से ही कवायद चल रही है। लेकिन विस्थापन तो छोड़ो अस्थायी व्यवस्था भी प्रशासन इन्हें नसीब नहीं करा पाया है। इन आपदा प्रभावित गांवों के लिए भूमि चयन को लेकर लंबे समय से सरकारी फाइलें ही दौड़ रही हैं। 

धरातल तक कुछ भी नहीं हासिल होने से आपदा प्रभावितों को अब विस्थापन की आस भी नहीं है। हालांकि जिलाधिकारी के वर्तमान रुख से आपदा प्रभावितों में विस्थापन को लेकर नई आस जगी है। 

जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस. भदौरिया के मुताबिक झलिया गांव भूस्खलन से असुरक्षित था। आठ जून के बाद गांव के पास ही जिस स्थान पर ग्रामीण अस्थायी तौर पर रह रहे थे, वह भी खतरे से खाली नहीं था। लातातोली तोक पर सुरक्षित जगह पर आपदा प्रभावित परिवारों को अस्थाई विस्थापित किया गया है। उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है।  

आपदा प्रभावित संघर्ष समिति चमोली के अध्यक्ष राकेश लाल खनेड़ा के अनुसार जिलाधिकारी ने झलिया गांव के ग्रामीणों को वन भूमि में अस्थायी विस्थापन कर उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, जो सराहनीय है। जिला प्रशासन के इस रुख से आपदा प्रभावितों को न्याय की उम्मीद जगी है।

यह भी पढ़ें: युवाओं के बिना कैसे होगा पहाड़ में विकास, रोजगार के लिए कर रहे पलायन  

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड के भुतहा हो चुके 1700 गांवों में लौटेगी रौनक 

यह भी पढ़ें: 1000 घोस्ट विलेज हैं यहां, तीन लाख घरों पर ताले; कागजों में योजनाएं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.