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Joshimath Sinking: ढाक में प्रभावितों को अभी करना होगा इंतजार, प्रभावितों के पुनर्वास की कवायद की रफ्तार सुस्त

Joshimath Sinking ढाक में चल रही आपदा प्रभावितों के पुनर्वास की कवायद सुस्त रफ्तार से चल रही है। ऐसे में आपदा प्रभावितों को पुनर्वास के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। यहां 4000 स्क्वायर फुट भूमि पर जोशीमठ के आपदा प्रभावितों का पुनर्वास किया जाना है।

By Devendra rawatEdited By: Nirmala BohraPublished: Sat, 04 Feb 2023 11:13 AM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2023 11:13 AM (IST)
Joshimath Sinking: ढाक में प्रभावितों को अभी करना होगा इंतजार, प्रभावितों के पुनर्वास की कवायद की रफ्तार सुस्त
Joshimath Sinking: जोशीमठ के ढाक में विस्थापन के लिए बन रहे प्री फेब्रिकेटिड। जागरण

देवेंद्र रावत, जोशीमठ: Joshimath Sinking: मलारी हाईवे पर जोशीमठ से 12 किमी दूर ग्राम पंचायत ढाक में चल रही आपदा प्रभावितों के पुनर्वास की कवायद सुस्त रफ्तार से चल रही है।

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यहां 500 स्क्वायर फुट भूमि पर 15 टू बीएचके प्री फ्रेबिकेटेड शेल्टर का निर्माण किया जाना है। फिलहाल यहां भूमि समतल करने के बाद गड्ढे खोदने और भवन की नींव डालने का काम चल रहा है। ऐसे में आपदा प्रभावितों को पुनर्वास के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा।

700 नाली भूमि उपलब्ध

जोशीमठ-मलारी हाईवे पर ग्राम ढाक में वन पंचायत, ग्राम पंचायत और सरकार की 700 नाली भूमि उपलब्ध है। इसमें 4000 स्क्वायर फुट भूमि पर जोशीमठ के आपदा प्रभावितों का पुनर्वास किया जाना है।

15 दिन पहले यहां 500 स्क्वायर फुट भूमि पर टू बीएचके प्री फ्रेबिकेटेड शेल्टर बनाने की कवायद शुरू की गई, जिसका डिजाइन भारतीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विज्ञानियों की ओर से तैयार किया गया है। एक भवन 48.29 स्क्वायर मीटर पर बनाया जाना है।

साथ ही भवनों के बीच 20 फीट चौड़ी सड़क भी बनाई जाएगी, जिसे हाईवे से अप्रोच रोड के जरिये जोड़ा जाना है। प्री फ्रेबिकेटेड शेल्टर का एक माडल जोशीमठ में बनकर तैयार होने वाला है। ढाक में 20 से अधिक मजदूरों के साथ मिस्त्री और इंजीनियर की टीम मशीनों के साथ नींव डालने के काम में जुटी है।

बसागत के लिए उपयुक्त है ढाक

ढाक में विस्थापन के लिए चयनित यह भूमि हर तरह से उपयुक्त है। जोशीमठ-मलारी हाईवे पर भूमि होने से यहां सड़क से कनेक्टिविटी अच्छी है। यहां कहीं भी भूस्खलन और भूधंसाव का खतरा नहीं है। इसके साथ ही पास में ढाक गदेरा होने से पानी की भी कमी नहीं होगी। ढाक में पालीटेक्निक कालेज, प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाईस्कूल भी है। वहीं यहां से तीन किमी की दूरी पर तपोवन इंटर कालेज भी है।

नैनीताल के बलियानाला भूस्खलन प्रभावित 99 परिवारों का होगा पुनर्वास

वहीं नैनीताल के भूस्खलन प्रभावित बलियानाला क्षेत्र के उपचारात्मक कार्यो के क्रियान्वयन की कवायद तेज हो गई है। बलियानाला भूस्खलन से प्रभावित 99 परिवारों के विस्थापन एवं पुनर्वास के लिए बेलुवाखान में 50 नाली भूमि चिह्नित की गई है।

जिलाधिकारी ने लोनिवि, आपदा प्रबंधन, जल संस्थान, विद्युत तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों को विस्थापित क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं जुटाने के लिए जरूरी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

शुक्रवार को जिला कार्यालय में डीएम धीराज गर्ब्याल की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि आपदाग्रस्त क्षेत्र के 99 परिवारों के पुनर्वास को बेलुवाखान में लगभग 50 नाली भूमि का चयन किया गया है।

डीएम ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में कार्य के दौरान जीआइसी नैनीताल के छात्रों को सीआरएसटी इंटर कालेज में शिफ्ट किया जाना है। डीएम ने बताया कि प्रभावित परिवारों के लिए राजस्व विभाग भूमि का चयन कर चुका है। प्रत्येक परिवार को 180 वर्ग मीटर भूमि का आवंटन होगा।


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