नवसंवत्सर पर देवी के मंदिरों मेंअनुष्ठान शुरू
नवसंवत्सर के पहले दिन सिद्धपीठ कालीमठ में श्रीमद्भागवत कथा शुरू हो गई
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: नवसंवत्सर के पहले दिन सिद्धपीठ कालीमठ में श्रीमद्भागवत कथा शुरू हो गई है।
इस दौरान लाटू देवता ने भी अपने पश्वा पर अवतरित होकर भक्तों को आशीर्वाद दिया। पहले दिन की कथा में कथावाचक गिरीश पंत शास्त्री ने मां के नौ रूपों का बखान किया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य एवं अध्यक्ष दशमद्वार मंदिर समिति लक्ष्मण बिष्ट, तेजवीर सिंह कंडेरी, ग्राम प्रधान सुनाली प्रदीप नेगी, ग्राम प्रधान कोट कंडारा वीरेन्द्र रावत, देव सिंह, संगीता रावत, गुड्डी देवी, कुंवर सिंह कंडेरी समेत अन्य श्रद्धालु उपस्थित थे।
कर्णप्रयाग: नवसंवत्सर व नवरात्र पर क्षेत्र के मठ-मंदिरों में विशेष धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग के लाटूगैर देवी मंदिर, उमा देवी मंदिर, सांकरी सेरा देवी मंदिर, नौटी नंदादेवी मंदिर, गौचर काली मंदिर, कनखुल जिठाईं देवी, जिलासू, लंगासू देवी मंदिरों में नौ दिवसीय देवी अनुष्ठान के साथ घट-स्थापना विधि-विधान पूजा के बाद शुरू हुए।
श्रद्धालुओं ने अलकनंदा-पिडर संगम पर स्नान के बाद मंदिर में देवीपाठ कर घरों में देवी पूजन व घटस्थापित कर देवी से सुख-स्मृद्धि की कामना भी की। वहीं विकासखंड कर्णप्रयाग के दशोली स्थित दशमद्वार कालीमठ मंदिर में एक दशक बाद देवी भागवत कथा का श्रीगणेश हुआ। मंदिर समिति अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बिष्ट ने कहा मंगलवार को देवी के मायका हिडोली से देवी निशान को मंदिर प्रांगण तक लाया गया वहीं भगवती के धर्मभाई लाटू के निशान नौली तल्ली से कालीमठ मंदिर प्रांगण पहुंचे। इस मौके पर नौ दिवसीय देवी पाठ का आयोजन रखा गया है। कथा में आचार्य गिरीश चंद्र पंत ने भागवत महायज्ञ के महात्म्य पर विस्तार से बताया।