Move to Jagran APP

भारी विरोध के बीच प्रशासन ने हाट गांव में तोड़े भवन-गोशालाएं

संवाद सहयोगी गोपेश्वर टीएचडीसी की 444 मेगावाट की विष्णुगाड पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना से प

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 06:48 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 07:00 PM (IST)
भारी विरोध के बीच प्रशासन ने हाट गांव में तोड़े भवन-गोशालाएं
भारी विरोध के बीच प्रशासन ने हाट गांव में तोड़े भवन-गोशालाएं

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: टीएचडीसी की 444 मेगावाट की विष्णुगाड पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना से प्रभावित हाट गांव में प्रशासन की देखरेख में भवनों और गोशाला को जेसीबी मशीन से ध्वस्त किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन की टीम का विरोध भी किया। विरोध को देखते हुए हाट गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। प्रशासन की टीम विरोध कर रहे ग्रामीणों को वाहनों में बैठाकर गोपेश्वर थाने ले गई। भवनों को ध्वस्त करने के बाद सामग्री को मायापुर के निकट रखा गया है।

loksabha election banner

वर्ष 2009 से हाट गांव के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। कुछ ग्रामीणों के लिए हाट गांव के ऊपर ही एलदाना तोक में भवन निर्माण कराए गए, जबकि कुछ ग्रामीणों ने मायापुर व बाहरी क्षेत्रों में अपनी जमीन पर भवनों का निर्माण कराया। बताया कि गांव के 10 से अधिक परिवार अभी भी हाट गांव में ही रह रहे थे। इनमें से कुछ परिवारों को मुआवजा भी मिल चुका था, जबकि कुछ ग्रामीणों को मुआवजा अभी तक आवंटित नहीं हुआ। प्रशासन की ओर से पहले भी गांव में पहुंचकर आवासीय भवनों को तोड़ने की कार्रवाई की गई। लेकिन, उस समय ग्रामीणों की भूख हड़ताल और आंदोलन के बाद प्रशासन को पीछे हटना पड़ा था। चमोली के उप जिलाधिकारी अभिनव शाह के नेतृत्व में प्रशासन ने हाट गांव पहुंचकर भवनों को ध्वस्त करना शुरू किया। इस दौरान मौजूद ग्रामीणों ने प्रशासन का विरोध किया तो भारी संख्या में पुलिस बल को मौके पर बुलाकर भवनों को चार जेसीबी मशीनों से ध्वस्त किया गया। इस दौरान विरोध कर रहे ग्रामीणों को गिरफ्तार कर गोपेश्वर थाने लाया गया। उप जिलाधिकारी अभिनव शाह ने बताया कि हाट गांव के ग्रामीणों का विस्थापन होना है, इसलिए यह कार्रवाई की जा रही है।

-----

बलपूर्वक भवन तोड़ने का लगाया आरोप: ग्रामीणों ने प्रशासन पर बल प्रयोग कर भवनों को ध्वस्त करने का आरोप लगाया है। हाट के ग्राम प्रधान राजेंद्र प्रसाद हटवाल ने कहा कि प्रशासन ने जबरन घरों के ताले तोड़कर भवनों को ध्वस्त किया। उन्होंने कहा कि गोशालाएं तोड़ने से मवेशी खुले आसमान में नीचे रहने को मजबूर हैं। गांव की नर्वदा देवी का कहना है कि अधिकतर परिवारों को अभी भी मुआवजा नहीं दिया गया है। ऐसे में जबरन उनके भवनों को तोड़ा जाना न्यायसंगत नहीं है।

---------

कांग्रेसियों ने भी किया विरोध

प्रशासन की इस कार्रवाई का कांग्रेसियों ने भी विरोध किया। कांग्रेसियों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। उनका कहना है कि टीएचडीसी व जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित हाट गांव के ग्रामीणों के आवासीय भवनों को जबरन तोड़ा जाना गलत है। कहा कि कई परिवारों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। प्रशासन द्वारा पुलिस बल प्रयोग कर ग्रामीणों को प्रताड़ित किया गया है। मांग की गई कि जब तक प्रभावितों को मुआवजा नहीं दिया जाता लगातार आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन दाताओं में अरविद नेगी, रविद्र सिंह, आनंद पंवार, हरेंद्र सिंह राणा, ओमप्रकाश नेगी, योगेंद्र बिष्ट आदि शामिल हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.