स्वास्थ्य सेवाओं को जल्द किया जाए दुरुस्त
उपजिलाचिकित्सालय कर्णप्रयाग में संसाधनों की कमी से बदत्तर हो रही स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त करने को लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने प्रदेश मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को पत्र प्रेषित किया है।
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग : उप जिलाचिकित्सालय कर्णप्रयाग में संसाधनों की कमी से बदतर हो रही स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने को लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र प्रेषित किया है।
पत्र में कपीरी संघर्ष समिति अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, परिवर्तन क्लब के अरविंद चौहान, आकाश ने कहा कि कर्णप्रयाग स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम उपजिला चिकित्सालय कर दिया गया है। लेकिन, अस्पताल में संसाधनों का टोटा मरीजों व तीमारदारों को मुंह चिढ़ा रहा है। बीते दो दशक से यहां स्थापित ब्लड स्टोरेज यूनिट कक्ष में ताले पड़े हैं, जबकि यहां लगी मशीनें भी जंग खा रही हैं। जिससे गंभीर बीमार मरीजों के लिए तीमारदारों को 40 से 70 किमी दूर रुद्रप्रयाग व श्रीनगर हायर सेंटर की दौड़ लगानी पड़ती है। इस तरह उपजिला चिकित्सालय में लगी अल्ट्रासाउंड मशीन का संचालन नियमित न होने से मरीजों को निजी अस्पतालों में जांच को जाना पड़ता है। पत्र में कहा गया कि बीते एक दशक पूर्व 80 लाख रुपये की लागत से यहां 10 कमरों का ट्रॉमा सेंटर भवन का निर्माण करवाया गया। जिसका उद्घाटन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने किया था। लेकिन, आज तक ट्रॉमा सेंटर में चिकित्सकों की नियुक्ति तो दूर ऑक्सीजन सिलेंडर, एक्स-रे व अन्य आकस्मिक सेवा सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है। इससे भवन का सदुपयोग नहीं हो सका है। इस संबंध में कई बार स्वास्थ्य महानिदेशक सहित जिलास्तरीय स्वास्थ्य अधिकारियों से वार्तालाप व पत्राचार किया गया। लेकिन, मामला शासन स्तर का होने की बात कह कर पल्ला झाड़ दिया जाता है। जबकि, बीते दो दशक से यहां फिजीशियन, बाल रोग विशेषज्ञ, ईएनटी, पैथोलाजिस्ट की तैनाती न होने से बदरीनाथ यात्रा पड़ाव का अहम उपजिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे है।