यहां बारिश से 40 से अधिक पैदल मार्ग हुए खतरनाक, मुश्किल में जिंदगी
चमोली जिले में 40 से अधिक पैदल मार्ग खतरनाक बने हैं। ग्रामीणों के अलावा स्कूली बच्चे भी जान जोखिम में डालकर पैदल मार्गों पर आवाजाही कर रहे हैं।
गोपेश्वर, जेएनएन। लगातार हो रही बारिश के चलते चमोली जिले में 40 से अधिक पैदल मार्ग खतरनाक बने हैं। ग्रामीणों के अलावा स्कूली बच्चे भी जान जोखिम में डालकर पैदल मार्गों पर आवाजाही कर रहे हैं। अधिकतर पैदल मार्ग जिला पंचायत और लोक निर्माण विभाग के हैं। विभाग भी बरसात बंद होने के बाद पैदल मार्गों की मरम्मत की बात कर रहा है। साफ है कि बरसात में इन पैदल मार्गों पर खतरे में ही आवाजाही करनी होगी।
चमोली जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश के चलते संपर्क सड़कों के बाद अब पैदल मार्गों पर भी आवाजाही मुश्किल हो गई है। जिले में 40 से अधिक पैदल मार्ग बारिश के चलते ध्वस्त हुए हैं। अधिकतर पैदल मार्ग नालों, गदेरों व नदियों के किनारे होने के कारण आवाजाही जोखिम भरी हो रही है। खासकर ग्रामीणों को शहर तक पहुंचने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
स्कूली बच्चे भी इन्हीं क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों पर जान जोखिम में डालकर स्कूलों तक पहुंच रहे हैं। फर्स्वाण फाट लासी क्षेत्र में स्कूली पैदल मार्गों पर सबसे अधिक असर पड़ा है। यहां बच्चों को स्कूल भेजने और घर लाने के लिए अभिभावकों को आना जाना पड़ रहा है। फर्स्वाण फाट निवासी मदन सिंह फर्स्वाण का कहना है कि पैदल मार्गों पर आवाजाही खतरनाक बनी हुई है। बरसात के दौरान पैदल मार्गों पर सुरक्षा के प्रबंध किए जाने जरूरी हैं।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता धन सिंह रावत का कहना है कि बरसात के समय क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों की मरम्मत के लिए बरसात समाप्त होने का इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि जो पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं वहां अस्थाई रूप से सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। ताकि पैदल मार्गों पर आवाजाही में खतरा न हो।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के नौ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, पौड़ी और चमोली में मकान क्षतिग्रस्त
यह भी पढ़ें: केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवाजाही शुरू, बदरीनाथ हाइवे अवरुद्ध; 1200 यात्रियों को रोका