कैंप लगाकर बनाए जाएं गोल्डन कार्ड: डीएम
सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में गोल्डन कार्ड बनाने की मौजूदा रफ्तार बहुत ही धीमी है। अधिकतर जनसेवा केंद्र सक्रिय नहीं हैं, जिससे जिले में नौ हजार कार्ड ही बन पाए हैं। इसे लेकर जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में नाराजगी जताते हुए कैंप लगाकर लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में गोल्डन कार्ड बनाने की मौजूदा रफ्तार बहुत ही धीमी है। अधिकतर जनसेवा केंद्र सक्रिय नहीं हैं, जिससे जिले में नौ हजार कार्ड ही बन पाए हैं। इसे लेकर जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में नाराजगी जताते हुए कैंप लगाकर लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
सोमवार को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी ने आयुष्मान भारत योजना को गति देने के लिए कैंप लगाकर अधिक से अधिक लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाने पर जोर दिया। कहा कि तहसील मुख्यालय, नगर पालिका तथा प्रमुख बैंको में भी सीएससी के माध्यम से गोल्डन जारी किए जाएं। जिलाधिकारी ने ग्रामीण क्षेत्रों में गोल्डन कार्ड बनाने के लिए लगने वाले शिविरों का रोस्टर तैयार करते हुए आशाओं के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए। गोल्डन कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड की अनिवार्यता को देखते हुए जिलाधिकारी ने पूर्ति अधिकारी को सभी राशन डीलरों व ग्राम प्रधानों से संपर्क करते हुए राशन उपभोक्ताओं की सूची सहित कैंप में प्रतिभाग करने के लिए सूचित करने को कहा। ताकि राशन कार्ड संबंधी किसी भी समस्या का मौके पर ही समाधान हो सके। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. तृप्ति बहुगुणा, आयुष्मान भारत के नोडल अधिकारी डॉ. हरीश थपलियाल, जिला समन्वयक ओम प्रकाश डंगवाल, जिला शिक्षाधिकारी आशुतोष भंडारी सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
इंटरनेट बनी समस्या
चमोली जिले में तीन लाख, 91 हजार, 650 लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने हैं। इनमें से अबतक नौ हजार, 430 लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। जिले के सभी सीएससी और जिला अस्पताल में निश्शुल्क गोल्डन कार्ड बनाए जाने हैं। लेकिन, अधिकतर केंद्रों पर काम नहीं हो रहा है। किसी भी जनसेवा केंद्र पर 30 रुपये का शुल्क देकर गोल्डन कार्ड बनाया जा सकता है। गोल्डन कार्ड बनाने के लिए लाभार्थी को राशन कार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर तथा एमएसबीवाई कार्ड अपने साथ लाना जरूरी है। जिले में 140 जनसेवा केंद्र हैं, जिसमें 130 सक्रिय हैं। गोल्डन कार्ड बनाने में अधिकतर राशन कार्ड पंजीकरण संख्या तथा इंटरनेट की समस्या आ रही है।