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यहां कॉलेज में एक दशक से हो रहा भूस्खलन, छात्राओं की जान को खतरा

चमोली जिले के मुख्यालय गोपेश्वर स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में एक दशक से भूस्खलन हो रहा है। इसकी रोकथाम नहीं होने से छात्राओं के साथ ही शिक्षिकाओं की जान को खतरा बना है।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 01:04 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 09:35 AM (IST)
यहां कॉलेज में एक दशक से हो रहा भूस्खलन, छात्राओं की जान को खतरा
यहां कॉलेज में एक दशक से हो रहा भूस्खलन, छात्राओं की जान को खतरा

गोपेश्वर, [जेएनएन]: जिला मुख्यालय गोपेश्वर में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में एक दशक से हो रहे भूस्खलन की रोकथाम के लिए कार्ययोजना नहीं बन पाई है। इससे छात्राओं के साथ ही शिक्षिकाओं को भी खतरा बना हुआ है। 

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खास बात यह है कि खतरे के साये में बालिकाएं प्रतिदिन स्कूल में अध्ययन कर रही है। प्रशासन व शिक्षा विभाग को इसकी सूचना है, परंतु कोई भी इस दिशा में कदम नहीं उठा रहा है।

वर्ष 2005-06 में बालिका इंटर कॉलेज के परिसर में बीचोबीच भूस्खलन हुआ था। तब यहां निर्माणाधीन ऑडिटोरियम पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद जिला पंचायत को इस ऑडिटोरियम का निर्माण रोकना पड़ा। 

पहले तो कुछ वर्षों तक हल्का भूस्खलन होता रहा। वर्ष 2013 के बाद भूस्खलन का दायरा बढ़ा और भूस्खलन से इंटर कॉलेज का एक कक्ष भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। 

अब स्थिति यह है कि बीचोंबीच हो रहे भूस्खलन के दोनों ओर बने भवनों पर छात्राएं अध्ययन कर रही हैं। स्थाई तो छोड़ों इनके अस्थाई ट्रीटमेंट को लेकर भी प्रशासन चिंतित नहीं है। शिक्षा विभाग लगातार पत्राचार कर रहा है। आपदा महकमा यहां के स्थाई ट्रीटमेंट के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। भूस्खलन का दायरा लगातार बढ़ रहा है। बारिश में तो हर वक्त पत्थर गिरने से बच्चों के सिर पर खतरा मंडराता है। इस विद्यालय में 275 छात्राएं अध्ययनरत हैं।

कॉलेज की प्रधानचार्य ममता शाह के अनुसार आपदा के बाद 2013 से यहां पर भूस्खलन का दायरा लगातार बढ़ रहा है। भूस्खलन से विद्यालय में हर वक्त खतरा है। विद्यालय प्रशासन भूस्खलन के स्थाई ट्रीटमेंट के लिए लगातार पत्राचार कर रहा है।

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