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थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने किया चीन सीमा पर चौकियों का निरीक्षण

जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत के पड़ोसी देश चीन के साथ इस सीमा क्षेत्र में संबंध मधुर है। सरहद पर रहने वाले स्थानीय लोगों को कोई चिंता करने वाली बात नहीं है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 05:55 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 09:09 PM (IST)
थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने किया चीन सीमा पर चौकियों का निरीक्षण
थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने किया चीन सीमा पर चौकियों का निरीक्षण

चमोली, जेएनएन। थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने चमोली जिले में चीन सीमा पर स्थिति अग्रिम चौकियों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जवानों के साथ समय बिताया और स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की। नीती घाटी में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में चीन के साथ किसी तरह के टकराव की बात नहीं है। 

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गुरुवार को थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत हेलीकॉप्टर से सीधे मलारी पहुंचे। यहां उन्होंने सेना के 'प्लांटेशन फॉर लाइवलीहुड' कार्यक्रम में शिरकत की। स्थानीय लोगों से मुलाकात कर समारोह में अखरोट और चिलगोजा के पौधों का रोपण किया गया। इस कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती क्षेत्र में स्थानीय लोगों की मदद से एक लाख पौधों का रोपण किया जाना है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम से क्षेत्र में पर्यावरण का संरक्षण तो होगा ही, स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।

इस दौरान स्थानीय लोगों ने जनरल बिपिन रावत से मोबाइल नेटवर्क न होने की समस्या उठाई। जनरल रावत ने कहा कि इस दिशा में हरसंभव कोशिश की जाएगी। उन्होंने साफ किया कि संचार नेटवर्क न होने की वजह सेना नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। जनरल रावत ने जवानों और स्थानीय लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं भी दीं। दोपहर बाद वह हेलीकॉप्टर से दिल्ली रवाना हो गए।

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बाड़ाहोती में हो रही है चीनी सैनिकों की घुसपैठ

नीती घाटी में बाड़ाहोती नाम के स्थान पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ सुर्खियां बनती रही है। पिछले साल जुलाई में चीनी सैनिकों ने इस क्षेत्र में पांच बार घुसपैठ की थी। गौरतलब है कि  बाड़ाहोती 80 वर्ग किलोमीटर में फैला चारागाह है जहां पर स्थानीय लोग अपने जानवरों को लेकर आते हैं। वर्ष 2014, 2015 और 2016 में भी चीनी सेना की घुसपैठ को लेकर यह क्षेत्र सुर्खियों में रहा था।

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