पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास बेहद पेचीदा
संवाद सहयोगी गोपेश्वर चारधाम परियोजना में हाईवे चौड़ीकरण के कार्य पर सुप्रीम कोर्ट के
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चारधाम परियोजना में हाईवे चौड़ीकरण के कार्य पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों से बनी पर्यावरण संरक्षण की हाइपावर कमेटी ने चमोली से रुद्रप्रयाग तक हाईवे पर हो रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने डंपिग जोन के क्षतिग्रस्त होने पर नाराजगी जताते हुए इसके तत्काल ट्रीटमेंट के निर्देश दिए।
चमोली से कर्णप्रयाग तक हाईवे चौड़ीकरण के दौरान कई जगह चौड़ीकरण का मलबा रखने के लिए बनाया गया डंपिग जोन क्षतिग्रस्त होकर मलबा पहाड़ी से लुढककर अलकनंदा नदी तक पहुंच रहा है। पर्यावरणविद रवि चोपड़ा के नेतृत्व में बनी टीम ने राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों से डंपिग जोन की सुरक्षा को लेकर सवाल किए। एनएच के अधिकारियों का कहना था कि बारिश के दौरान भूस्खलन व पानी के तेज बहाव से कुछ डंपिग जोन क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनका ट्रीटमेंट वे तत्काल कर रहे हैं। पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने बताया कि हेलंग मारवाड़ी बाइपास को लेकर जोशीमठ के विरोध का प्रस्ताव उन्हें मिला है, जिस पर स्थानीय लोगों ने जोशीमठ से होकर ही हाईवे ले जाने के लिए प्रस्ताव दिया है। यह समस्या जोशीमठ ही नहीं बल्कि सुकी उत्तरकाशी में भी है। इसके अध्ययन के लिए एक अन्य टीम भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि विकास व पर्यावरण बेहद पेचीदा मामला है। अगर पर्यावरण की दृष्टि से देखें तो यह देवभूमि है और यहां की अपनी विशेष परिस्थिति व पारिस्थितिकी है। इसलिए पहाड़ से ज्यादा छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। लेकिन अगर ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करेंगे तो यहां के लोग कहेंगे कि विकास नहीं हो रहा है। इस मौके पर एनएच आइडीसीएल के जीएम जगत नारायण, डीजेएम आरपी मिश्रा, इंजीनियर अंकित शर्मा, शशिकांत मणि, एसडीएम बुसरा अंसारी भी मौजूद थे।