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85 किमी लंबी सड़क पर आठ डेंजर जोन

भारत तिब्बत चीन सीमा से लगी उत्तराखंड के चमोली जिले की नीती घाटी में राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति बेहद खतरनाक बनी हुई है। इस हाईवे पर आठ डेंजर जोन बार-बार राहगीरों की राह का रोड़ा बन रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 03:00 AM (IST)
85 किमी लंबी सड़क पर आठ डेंजर जोन
85 किमी लंबी सड़क पर आठ डेंजर जोन

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: भारत तिब्बत चीन सीमा से लगी उत्तराखंड के चमोली जिले की नीती घाटी में राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति बेहद खतरनाक बनी हुई है। इस हाईवे पर आठ डेंजर जोन बार-बार राहगीरों की राह का रोड़ा बन रहे हैं। सीमा क्षेत्र की सड़कों की देखरेख करने वाली सेना की निर्माण एजेंसी सीमा सड़क संगठन हर वर्ष सड़कों के निर्माण व मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च भी कर रही है। परंतु बार्डर क्षेत्र के इस हाईवे की स्थिति अभी भी जस की तस बनी हुई है। सीमावर्ती गांवों के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर गांवों तक पहुंचने की बात कर रहे हैं, जबकि सीमा सड़क संगठन सभी डेंजर जोन पर कार्य करने की बात कर रहा है।

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नीती घाटी सामरिक लिहाज से इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह घाटी तिब्बत चीन सीमा से लगी हुई है। चीन कई बार नो मेंसलैंड क्षेत्र में अपने सैनिकों को भी भेज चुका है, जिससे सरहद की सुरक्षा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। बात चीन की करें तो वह सीमा तक सड़कों के अलावा रेललाइन और यहां तक की हवाई सेवाएं भी शुरू करने में जुटा हुआ है। सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के मामलों में भारत की स्थिति उतनी ठीक नहीं है। अंदाजा नीती घाटी होते हुए बार्डर तक पहुंचने वाले हाईवे से लगाया जा सकता है। जोशीमठ से लेकर नीती तक 85 किलोमीटर क्षेत्र में आठ डेंजर जोन लंबे समय से खतरे का संकेत दे रहे हैं। सबसे खराब स्थिति ढाक गांव के निकट सलधार में है। यहां पर पहाड़ी बार-बार गिर रही है। सीमा सड़क संगठन की ओर से यदि पहाड़ी को ऊपर से काटा जाए तो सड़क की स्थिति सुधर सकती है। परंतु संगठन पहाड़ी से गिरे मलबे में ही सड़क बनाकर वाहनों की आवाजाही कर रहा है। डेंजर जोन में सड़क खुलने के बाद दलदल की स्थिति बनने से छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही भी मुश्किल भरी हो रही है। नीती घाटी के बाम्पा गांव के पूर्व प्रधान धर्मेद्र सिंह पाल का कहना है कि जोशीमठ से नीती तक सड़क की स्थिति कई जगह बद से बदतर बनी हुई है। उनका कहना है कि सीमा सड़क संगठन तमाम डेंजर जोन पर मलबे के ऊपर ही सड़क का निर्माण कर रहा है। जबकि इस सड़क पर यदि चटटानों को काटा जाए तो सड़क चौड़ी भी होगी और यातायात में भी सुगमता होगी। सीमा सड़क संगठन के कमांडर कर्नल मनीष कपिल का कहना है कि नीती हाईवे के डेंजर जोनों पर निर्माण कार्य चल रहा है। जहां पर सड़क की स्थिति खराब है वहां प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जा रहा है।

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यहां हैं डेंजर जोन

सलधार ढाक 200 मीटर लंबा, बनचुरा 200 मीटर लंबा, रैंणी 50 मीटर लंबा, मरखुड़ा 500 मीटर, पांगती पुल के पास 20 मीटर, जुम्मा व तमक के बीच 50 मीटर, भापकुंड 20 मीटर, नीती काली मंदिर 100 मीटर


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