छह शिक्षकों पर 370 छात्रों की जिम्मेदारी, कैसे होगी पढ़ाई
संवाद सूत्र गुप्तकाशी पहाड़ में शिक्षकों की कमी से सरकारी स्कूलों की स्थिति बदतर होती
संवाद सूत्र, गुप्तकाशी: पहाड़ में शिक्षकों की कमी से सरकारी स्कूलों की स्थिति बदतर होती जा रही है। सरकार ने कई स्कूलों को मॉडल स्कूल का रूप तो दे दिया, लेकिन शिक्षकों की कमी और छात्रों के भविष्य की ओर ध्यान नहीं दिया। विद्यालयों में विषय अध्यापक न होने से जहां छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं अभिभावक भी पाल्यों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। कुछ यही हाल ही है केदारघाटी के अंतर्गत राजकीय आदर्श इंटर कॉलेज गुप्तकाशी का, यहां शिक्षकों का टोटा बना हुआ है। वर्तमान में सिर्फ छह शिक्षक ही विद्यालय में सेवाएं दे रहें हैं, जिन पर 370 छात्र-छात्राओं की जिम्मदारी है। विद्यालय में प्रधानाचार्य समेत प्रवक्ता व एलटी संवर्ग के 12 पद खाली होने से जहां छात्रों का पठन पाठन प्रभावित हो रहा है, वहीं तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पद भी रिक्त होने से प्रशासनिक कार्यो में विलंब हो रहा है।
वर्ष 2016 में तत्कालीन सरकार ने राइंका गुप्ताकाशी का चयन मॉडल स्कूल के रूप में किया। जहां शिक्षकों समेत सभी संसाधनों से लैस किया जाना था, लेकिन लंबे समय से विद्यालय शिक्षकों का इंतजार कर रहा है। जिससे असर छात्र-छात्राओं के भविष्य पर पड़ रहा है। विद्यालय में पिछले तीन वर्ष से प्रधानाचार्य का पद खाली चल रहा है, साथ ही प्रवक्ता संवर्ग में भूगोल, अंग्रेजी, हिदी, भौतिकी, जीव विज्ञान, गणित व राजनीति विज्ञान और एलटी में अंग्रेजी, हिदी, व्यायाम के पद रिक्त चल रहे हैं। शिक्षकों के अभाव में यहां पठन-पाठन चौपट हो रहा है। वर्तमान में विद्यालय में लगभग 370 छात्र-छात्राएं अध्ययरनत हैं, जिन पर सिर्फ छह शिक्षकों की जिम्मेदारी है। कई विषयों के शिक्षक न होने के कारण अन्य शिक्षकों को यह कार्य करना पड़ रहा है, वहीं छात्रों के सामने विषय शिक्षक न होने की सबसे बड़ी समस्या बनी है। विद्यालय में शिक्षको के रिक्त पद के अलावा तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पद भी रिक्त होने से कार्यायल के कार्य भी प्रभावित हो रहें हैं। पीटीए अध्यक्ष राय सिंह राणा का कहना है कि इस संबंध में कई बार शासन-प्रशासन व संबंधित विभाग को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो हुई।
जिले में शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर निदेशालय को अवगत कराया गया। जैसे ही शासन से आदेश होंगे, विद्यालय में उनकी तैनाती की जाएगी।--- सीएन काला, मुख्य शिक्षाधिकारी