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    छेड़छाड़ के आरोपित का आधार कार्ड यूपी का, OBC व निवास प्रमाणपत्र उत्तराखंड से; डीएम ने एडीएम को सौंपी जांच

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 09:08 PM (IST)

    उत्तराखंड के एक इंटर कालेज में छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार युनूस अंसारी के स्थायी निवास और ओबीसी प्रमाणपत्र पर सवाल उठ रहे हैं। जिलाधिकारी ने एडीएम ...और पढ़ें

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    अतिथि शिक्षक पद पर नियुक्ति पाने वाले छोड़छाड़ के आरोपित युनूस अंसारी की हुई गिरफ्तारी।

    संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर: दशोली विकासखंड के एक राजकीय इंटर कालेज में अतिथि शिक्षक पद पर नियुक्ति पाने वाले छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपित युनूस अंसारी की गिरफ्तारी के बाद अब उसके स्थायी निवास और ओबीसी प्रमाणपत्र को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

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    जिलाधिकारी गौरव कुमार ने दस्तावेजों की जांच के लिए एडीएम को जांच सौंपी है। स्थायी निवासी व ओबीसी प्रमाणपत्र चमोली तहसील से जारी किए गए थे। वहीं आरोपित शिक्षक ने जो माफीनामा लिखा है, वह भी विवाद के बाद गांव में ही लिखा था।

    अतिथि शिक्षक पद पर नियुक्ति पाने वाले बिजनौर जिले के कचहरी सराय जलालाबाद निवासी युनूस अंसारी को 28 सितंबर 2010 को स्थायी निवास और 18 फरवरी 2017 को अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जाति प्रमाणपत्र जारी किया गया था।

    यह दोनों प्रमाणपत्र चमोली तहसील से जारी हुए हैं, जबकि युनूस अंसारी का आधार कार्ड मोहल्ला कचहरी सराय जलालाबाद जिला बिजनौर, उत्तर प्रदेश का है।

    शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्थायी निवास व अन्य पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाणपत्र के आधार पर अतिथि शिक्षक पद पर युनूस अंसारी की नियुक्ति हुई है। ऐसे में प्रमाणपत्रों को लेकर सवाल उठना लाजिमी है कि बिजनौर के मूल निवासी को चमोली से प्रमाणपत्र कैसे जारी हुए हैं।

    मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने एडीएम को दस्तावेजों की जांच के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी गौरव कुमार ने कहा कि मामले में जांच अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश को सौंपी गई है।

    प्रभारी मुख्य शिक्षाधिकारी एसके पुरोहित ने कहा कि मामले में आरोपित का पहले अनुबंध निरस्त कर दिया गया है। दस्तावेजों की जांच की जा रही है। कहा कि नियुक्ति के समय शपथ पत्र दिए जाने के बाद दस्तावेजों की जांच नहीं की गई थी।

    उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों का उत्पीड़न स्कूल में नहीं हुआ है, बल्कि गांव में आरोपित के निवास पर हुआ है। वहीं माफीनामा भी गांव में ही विवाद के बाद लिखा गया था।

    जैसे ही यह जानकारी प्रधानाचार्य के संज्ञान में आई उन्होंने तत्काल इस पर खंड शिक्षाधिकारी को पत्र भेजकर संपूर्ण जानकारी दी। इसे खंड शिक्षाधिकारी ने पुलिस को भेजा था।

    विवादों में रहा है परिवार

    चमोली कस्बे में आरोपित का परिवार पहले भी विवादों में रहा है। वर्ष 2007-08 में चमोली में बच्ची की हत्या, एक अश्लील सीडी प्रकरण में भी इस परिवार के सदस्य का नाम आया था।

    तब चमोली जिले में घटना को लेकर भारी तनाव हुआ था। इन घटनाओं में आरोपित के सगे भाई की गिरफ्तारी भी हुई थी। बताया गया कि यह परिवार चमोली में व्यापार करता था और उक्त प्रकरण के बाद यहां से चला गया था।

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