विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी देखने के शौकीन पर्यटकों को इस बार करना पड़ेगा इंतजार, वजह जान लें
विश्व धरोहर फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी जाती है लेकिन इस बार कोरोना की काली छाया पड़ने से घाटी खोलने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।
चमोली, देवेंद्र रावत। वैसे तो विश्व धरोहर फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी जाती है, लेकिन इस बार कोरोना की काली छाया पड़ने से घाटी खोलने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। लॉकडाउन के चलते अभी तक घाटी के लिए पैदल मार्ग की मरम्मत का कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है। जबकि, शीतकाल के दौरान हुई भारी बर्फबारी के कारण घांघरिया से फूलों की घाटी तक तीन किमी क्षेत्र में पैदल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो रखा है।
हर साल हेमकुंड साहिब के साथ ही फूलों की घाटी के लिए भी पैदल मार्ग की मरम्मत का कार्य शुरू हो जाता है। लेकिन, इस बार कोरोना महामारी के चलते हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट खोलने की तिथि निरस्त कर दी गई है। पूर्व में घोषित तिथि के अनुसार दोनों धामों के कपाट एक जून को खोले जाने थे। कपाट खोलने की नई तिथि क्या होगी, इस पर सरकार के साथ विचार मंथन के बाद ही निर्णय होगा। फूलों की घाटी वन प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती कहते हैं कि अभी फूलों की घाटी को पर्यटकों के लिए खोलने की नई तिथि घोषित नहीं हुई है। लॉकडाउन हटने के बाद ही इस पर विचार होगा। पैदल मार्ग की मरम्मत का कार्य भी तभी शुरू किया जाएगा।
सात स्थानों पर 40 से 50 फीट ऊंचे हिमखंड
चमोली जिले में समुद्रतल से 12985 फीट तक की ऊंचाई पर स्थित फूलों की घाटी में अभी भी पांच फीट तक बर्फ जमी हुई है। जबकि, पैदल मार्ग पर 40 से लेकर 50 फीट तक ऊंचे सात से अधिक हिमखंड खड़े हैं। 87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली यह घाटी में जैव विविधता खजाना है और यहां 500 से अधिक दुर्लभ प्रजाति के फूल खिलते हैं। जड़ी-बूटी और जीव-जंतुओं की भी यहां भरमार है। इन्हीं तमाम विशेषताओं के चलते वर्ष 2005 में यूनेस्को ने फूलों की घाटी को विश्व धरोहर घोषित किया था।
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वन्य जीवों की सुरक्षा को बढ़ाई गश्त
दुर्लभ वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन और फूलों की घाटी वन प्रभाग ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। फूलों की घाटी के वन क्षेत्राधिकारी धीरेश चंद्र बिष्ट ने बताया कि लॉकडाउन के चलते वन्य जीव तस्करों की सक्रियता को देखते हुए नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र में लगातार पेट्रोलिंग कर रही है। साथ ही पार्क में 20 और फूलों की घाटी में आठ ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। फूलों की घाटी के वन क्षेत्राधिकारी धीरेश चंद्र बिष्ट का कहना है कि वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए लगातार वन विभाग की टीमें गश्त कर रही हैं।