हेमकुंड साहिब यात्रा पर भी coronavirus का साया, एक जून को खुलने हैं कपाट
coronavirus का असर हेमकुंड साहिब यात्रा पर भी पड़ सकता है। इस बार हेमकुंड यात्रा को लेकर दोहरी मुश्किल है।
जोशीमठ(चमोली), जेएनएन। coronavirus का असर हेमकुंड साहिब यात्रा पर भी पड़ सकता है। इस बार हेमकुंड यात्रा को लेकर दोहरी मुश्किल है। एक तो भारी बर्फबारी और दूसरा लॉकडाउन, जिसके चलते अप्रैल माह में यात्रा की तैयारियां शुरू नहीं हो पाई हैं। यात्रा को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी है।
इस साल हेमकुंड साहिब के कपाट एक जून को खुलने हैं। 15225 फिट पर सिखों का सबसे पवित्र और सबसे ऊंचा तीर्थस्थल है। भारी बर्फबारी ने दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। नवंबर माह से यहां पर लगातार बर्फबारी हुई, जिसके चलते यहां पर 21 से 22 फिट तक बर्फ जमी है। आलम यह है कि हेमकुंड गुरुद्वारा, लोकपाल लक्ष्मण मंदिर और हेमकुंड सरोवर पूरी तरह से बर्फ के आगोश में हैं। यात्र तैयारियों की बात करें तो अभी तक गुरुद्वारा प्रबंधन की टीम घांघरिया से आगे नहीं जा पाई है।
भारी बर्फबारी के चलते घांघरिया से ऊपर छह किमी पैदल मार्ग पर बड़े हिमखंड राह रोके हुए है। जहां पर 50 से 60 फिट बर्फ काटकर पैदल मार्ग बनाने के साथ गुरुद्वारे और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर से बर्फ हटाना जरूरी है। लॉक डाउन के चलते सेना के जवान पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम शुरू नहीं कर पाए हैं। वरिष्ठ प्रबंधक गुरुद्वारा सेवा सिंह का कहना है हेमकुंड साहिब में 21 से 22 फिट बर्फ जमी है। रास्ते मे बड़े हिमखंड हैं। सेवादार की टीम भारी बर्फबारी के चलते घांघरिया से आगे नहीं जा पाई है।
केदारनाथ के कपाट खोलने को मांगे जरूरी दिशा-निर्देश
केदारनाथ धाम के कपाट खोलने और यात्रा तैयारियों को लेकर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने गढ़वाल मंडल आयुक्त एवं देवस्थानम बोर्ड के सीईओ से आवश्यक दिशा-निर्देश मांगे हैं। धाम के कपाट आगामी 29 अप्रैल को खोले जाने हैं। इसके अलावा वैशाखी पर्व पर द्वितीय और तृतीय केदार के कपाट खुलने की तिथियां भी घोषित होनी हैं। लेकिन, इसके लिए भी समिति को अभी तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।
विश्वव्यापी कोरोना महामारी की काली छाया चारधाम यात्रा की तैयारियों पर भी पड़ रही है। आगामी 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने हैं और इसके लिए आवश्यक तैयारियां भी होनी हैं। लेकिन, इस बार कोरोना महामारी के चलते स्थितियां बदली हुई हैं और गत 18 मार्च से तैयारियों पर ब्रेक लगा हुआ है। जबकि, अभी भी पैदल मार्ग के तकरीबन पांच किमी हिस्से में पांच फीट से अधिक बर्फ है और केदारपुरी भी बर्फ से लकदक है। इससे मंदिर समिति के अधिकारी भी पशोपेश में हैं। साथ ही यात्र तैयारियों को लेकर समिति की टीम अभी केदारनाथ के लिए रवाना भी नहीं हो पाई है।
मंदिर समिति के कार्याधिकारी एमपी जमलोकी बताया कि कपाट खुलने से पूर्व मंदिर परिसर से बर्फ हटाने, पूजा तैयारियां और धाम में विद्युत व पेयजल समेत सभी आवश्यक सुविधाएं मंदिर समिति की टीम ही बहाल करती है। लेकिन, इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश न मिलने के कारण अभी तक तैयारियों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।
कोरोना से मुक्ति को घरों में जलाए नौ दीये
कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए पटेलनगर के अधिकांश घरों में लोगों ने द्वार पर नौ-नौ दीये जलाए। इस दौरान श्याम सुंदर मंदिर में हवन और पूजन किया गया। गुरुवार को श्याम सुंदर मंदिर के आह्वान पर शाम सात बजे के बाद लोगों ने अपने-अपने घरों पर घी के दीये जलाए और भगवान से कोरोना वायरस की इस महामारी से देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को मुक्ति दिलाने की कामना की। इससे पहले गुरुवार को सुबह मंदिर में पंडितों ने हवन पूजन कर सांकेतिक तौर पर राम जन्मोत्सव मनाया।
मंदिर में भक्तों की भीड़ न हो, इसके लिए लॉकडाउन के नियमों का पालन किया गया। मंदिर के मीडिया प्रभारी भूपेंद्र चड्ढा ने बताया कि शासन और प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए मंदिर में सुबह शाम आरती की जा रही है। इस दौरान मंदिर के प्रधान अवतार मुनियाल, तजेंद्र हरजाई, गोविंद मोहन, मोहन पूरी, गौरव कोहली आदि मौजूद रहे।