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Chardham Yatra:भगवान बदरीनाथ की ऑनलाइन पूजा पर क्‍यों हो रहा विरोध? 30 को खुलेंगे धाम के कपाट

भगवान बदरीनाथ की ऑनलाइन पूजा संबंधी बयान को डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत ने प्राचीन परंपराओं के विरुद्ध बताते हुए उस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 02:25 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 02:25 PM (IST)
Chardham Yatra:भगवान बदरीनाथ की ऑनलाइन पूजा पर क्‍यों हो रहा विरोध? 30 को खुलेंगे धाम के कपाट
Chardham Yatra:भगवान बदरीनाथ की ऑनलाइन पूजा पर क्‍यों हो रहा विरोध? 30 को खुलेंगे धाम के कपाट

चमोली, जेएनएन। डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत ने देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्याधिकारी की ओर से दिए गए भगवान बदरीनाथ की ऑनलाइन पूजा संबंधी बयान को प्राचीन परंपराओं के विरुद्ध बताते हुए उस पर कड़ी आपत्ति जताई है। बताया जा रहा कि कपाटोद्घाटन के दौरान मंदिर के रावल की अनुपस्थिति में भगवान बदरी विशाल की पूजा ऑनलाइन कराने की बात हो रही है। धाम के कपाट 30 अप्रैल को खोले जाने हैं।

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केंद्रीय पंचायत के सदस्य पंकज डिमरी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी को एअर लिफ्ट कर बदरीनाथ पहुंचाया जा सकता है। लेकिन, प्रदेश सरकार पुरातन परंपराओं को ताक पर रख नई व्यवस्था को अंजाम देने की बात कर रही है। बताया जा रहा कि कपाट खुलने की प्रक्रिया रावल ऑनलाइन संपन्न करवाएंगे। डिमरी के अनुसार कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के चलते बाहरी प्रांतों से आवागमन प्रतिबंधित जरूर है। लेकिन, इसकी आड़ में परंपराओं की अनदेखी नहीं कह जा सकती।

बदरीनाथ में आद्य शंकराचार्य की ओर से स्थापित परंपराओं के अनुसार ही पूजा होती है। इसके लिए उन्होंने केरल के नंबूदरी दंडी स्वामी ब्राह्मणों को धाम का प्रधान अर्चक नियुक्त किया था। शंकराचार्य के साथ केरल से आए नंबदूरी ब्राह्मण, जो कालांतर में गढ़वाल में बसने पर डिमरी कहलाए, तब भी सहायक अर्चक और भगवान के रसोइया थे।

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बताया कि कोरोना महामारी से उपजी परिस्थितियों के कारण अगर रावल बदरीनाथ नहीं आ पाते तो ऐसे में परंपरा धाम के पुजारी डिमरी समुदाय को पुजारी नियुक्त करने की अनुमति देती है। लेकिन, डिमरी समुदाय के जिस व्यक्ति का पुजारी के रूप में चयन हो, उसका ब्रह्मचारी होना जरूरी है।

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