बदरीनाथ में बर्फ से भवन व धर्मशालाएं क्षतिग्रस्त
संवाद सहयोगी गोपेश्वर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह के
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह के नेतृत्व में मंदिर समिति के दल ने बदरीनाथ धाम में शीतकाल के दौरान हुए नुकसान का जायजा लिया। बर्फबारी से धाम में भवन व धर्मशालाओं को काफी नुकसान पहुंचा है। अभी भी धाम में बर्फ की सात फीट से मोटी चादर बिछी हुई है।
मंदिर समिति के दल ने धाम में मंदिर परिसर, विश्रामगृह, बस अड्डा परिसर, कार्यालय, यात्री शेड, वेटिग शेड, मुख्य मंदिर परिसर, टोकन काउंटर, बस स्टेंड से मंदिर परिसर तक पहुंचने वाले रास्तों, तप्त कुंड और अलकनंदा नदी स्नान घाट का निरीक्षण किया। सीईओ बीडी सिंह ने बताया कि धाम में बर्फ पिघलनी शुरू हो गई है। लेकिन, हनुमान चट्टी से आगे बड़ी संख्या में छोटे-बड़े ग्लेशियर मौजूद हैं। कंचन गंगा क्षेत्र में तो अब भी दस फीट बर्फ जमी है। उन्होंने शीतकाल में बदरीनाथ की सुरक्षा में जुटे पुलिस व पीएसी के जवानों और मंदिर समिति के सुरक्षा गार्डो की हौसलाफजाई भी की। बताया कि धाम में बर्फबारी से मौसम सुहावना बना हुआ है। जिससे यात्री बेहद सुकून महसूस करेंगे।
सीईओ ने बताया कि जल्द ही मंदिर समिति का दल जायजा लेने केदारनाथ धाम भी जाएगा। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में दोनों धाम के लिए अग्रिम दल रवाना किए जाएंगे। बदरीनाथ पहुंचे दल में सहायक अभियंता विपिन तिवारी, अतुल डिमरी, बीरू बिष्ट, नारायण भट्ट आदि शामिल थे। उधर, समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने कर्मचारियों-अधिकारियों को बदरी-केदार यात्रा के कुशल संचालन के निर्देश दिए हैं। विदित हो कि इस बार केदारनाथ के कपाट नौ मई को सुबह 5.35 बजे और बदरीनाथ के कपाट 10 मई को तड़के 4.15 बजे खोले जाने हैं।
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बदरीनाथ हाइवे अभी भी घुरसों से आगे बंद
यात्रा तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बदरीनाथ हाइवे पर हनुमानचट्टी से आगे घुरसों नामक स्थान तक ही वाहन जा पा रहे हैं। हालांकि, बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) का डोजर बर्फ को काटते हुए कंचनगंगा तक पहुंच गया है। लेकिन, सड़क पर बर्फ जमी होने के कारण फिलहाल वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही। कंचनगंगा से बदरीनाथ धाम की दूरी मात्र एक किमी है।