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ग्रामीण अंचलों के पैदल मार्ग बने खस्ताहाल

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग : क्षेत्र में लगातार बारिश के चलते जहां मोटर मार्गो पर मलबा व पत्थरों के ि

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 07:04 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 07:04 PM (IST)
ग्रामीण अंचलों के पैदल  मार्ग बने खस्ताहाल
ग्रामीण अंचलों के पैदल मार्ग बने खस्ताहाल

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग : क्षेत्र में लगातार बारिश के चलते जहां मोटर मार्गो पर मलबा व पत्थरों के गिरने से आवाजाही जोखिम भरी हो गई है। पैदल मार्गो की हालात भी खस्ताहाल है।

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विकासखंड कर्णप्रयाग के कपीरी पट्टी स्थित दर्जनों गांवों को जोड़ने वाले पैदल मार्गो पर वन विभाग, जिला पंचायत वर्षो से मरम्मत नहीं कर सका है। सबसे खराब स्थिति सुणाई-सेरागाड-बगोली, गुनाड़सेरा-नलगांव, रेंगांव, पाडली-सुणाई-सयान की बनी है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राकेश जुयाल, आलम सिंह पंवार, किशोरी रतूड़ी, बाबू लाल, लीलाधर रतूडी ने कहा कि वर्षो से सिमली-बांगडी, रेगांव-हयूणा, सुणाई-सेरागाड, कंडारा-खत्याडी, गुनाड-नैनीसैंण, बगोली-स्यान-पाडली आदि पैदल मार्गो पर मरम्मत न होने से ग्रामीण इन मार्गो का प्रयोग नही कर पा रहे हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि वर्षाकाल के दौरान मोटर मार्गो पर मलबा व पत्थर आने से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का माध्यम पैदल मार्ग होते थे, लेकिन वन विभाग ने इन मार्गो की कोई सुध नहीं ली है। हैरत की बात यह है कि इन पैदल मार्गो के कई स्थानों पर वन विभाग लीसा निकालने का कार्य भी कर रहा है।

पूर्व क्षेपंस राकेश जुयाल ने कहा कि नलगांव से कडाकोट पट्टी पैदल मार्ग की भी बदत्तर स्थिति बनी। लोनिवि की लापरवाही से आमसोड़-सेरागाड पर निर्माणाधीन मोटर सेतु निर्माण व मोटर मार्ग निर्माण में लापरवाही हो रही है। जिस वजह से लोगों को यातायात सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि ग्रामीण बीडीसी बैठक से लेकर शासन-प्रशासन से मार्गो के सुधारीकरण को कई बार गुहार लगा चुके हैं। बावजूद इसके ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।


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