चमोली में भालू की दहशत, पहरे में स्कूल जा रहे हैं बच्चे; युवकों की लगाई जा रही ड्यूटी
स्यूण गांव में भालू की इस कदर दहशत है कि ग्रामीण अपने बच्चों को पहरे में स्कूल भेज रहे हैं। इसके लिए बारी-बारी से छह-छह युवकों की ड्यूटी लगाई जा रही है।
गोपेश्वर, जेएनएन। चमोली जिले के स्यूण गांव में भालू की इस कदर दहशत है कि ग्रामीण अपने बच्चों को पहरे में स्कूल भेज रहे हैं। इसके लिए बारी-बारी से छह-छह युवकों की ड्यूटी लगाई जा रही है, जो बच्चों को स्कूल तक छोड़ने और लेने जाने का काम कर रहे हैं।
दरअसल, बीती 20 अक्टूबर को भालू के हमले से गांव की एक महिला की मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि घास लेने गई महिला को भालू ने हमला कर घायल कर दिया। इसके बाद उसे उठाकर पास की पहाड़ी पर ले गया और उसे मार डाला। इसके बाद से ग्रामीण दहशत में हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव के आसपास अक्सर दो से तीन भालू नजर आ रहे हैं और ये बेहद आक्रामक हैं। स्यूंण गांव के पूर्व प्रधान कुलदीप सिंह ने बताया कि भालू फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी चिंता बच्चों की सुरक्षा को लेकर है। कुलदीप के अनुसार गांव में एक प्राइमरी स्कूल है, लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को चार किलोमीटर दूर बेमरू गांव स्थित हाईस्कूल जाना पड़ता है। स्यूण और बेमरू गांव के बीच अक्सर भालूओं के झुंड नजर आते हैं। गांव से हर रोज 17 बच्चे बेमरू गांव जाते हैं। ऐसे में छह-छह युवकों की टीम बनाई गई है, जो बारी-बारी से बच्चों को छोड़ने और लेने जाते हैं।
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की रेंज अधिकारी आरती मैठाणी ने बताया कि महिला को मौत के घाट उतारने वाले भालू आदमखोर नहीं है। यह घटना महज एक हादसा है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद गांव के आसपास वन विभाग की टीम गश्त भी कर रही है।
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पानी के टैंक में गिरा भालू का बच्चा, सकुशल निकाला
चमोली जिले के कोठियालसैंण भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आइटीबीपी) के शिविर के पास भालू का बच्चा पानी की सूखे टैंक में फंस गया। बच्चे की उम्र करीब एक साल है। वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और बच्चे को टैंक से बाहर निकाला।
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घटना मंगलवार सुबह चार बजे की है। आइटीबीपी के शिविर के पास पानी की खाली टंकी में कुछ गिरने की तेज आवाज हुई। इस पर शिविर में रह रहे जवान मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि टैंक में भालू का बच्चा गिरा हुआ है। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की रेंज अधिकारी आरती मैठाणी ने बताया कि भालू का यह बच्चा अमरूद खाने आया होगा और संतुलन बिगड़ने से टैंक में गिर गया होगा। टैंक के पास अमरूद का बाग है।
वहीं, भालू के बच्चे की सुरक्षा को देखते हुए कुछ देर तक टैंक को जाल से डक दिया गया था। रेंज अधिकारी आरती ने बताया कि बच्चे को ट्रैंकुलाइज नहीं किया जा सकता। इससे उसकी जान को खतरा हो सकता है। मौके पर मौजूद वन विभाग की टीम ने देर शाम बच्चे को टैंक से बाहर निकाला।
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