Move to Jagran APP

इस बार स्कीइंग की मान्यता खो सकता है औली, जानिए वजह

औली की बर्फीली ढलानों (स्लोप) पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलों का आयोजन नहीं हुआ तो यहां शीतकालीन खेलों की अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी खटाई में पड़ सकती है।

By BhanuEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 08:53 AM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 08:56 AM (IST)
इस बार स्कीइंग की मान्यता खो सकता है औली, जानिए वजह
इस बार स्कीइंग की मान्यता खो सकता है औली, जानिए वजह

गोपेश्वर, देवेंद्र रावत। औली की बर्फीली ढलानों (स्लोप) पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलों का आयोजन नहीं हुआ तो यहां शीतकालीन खेलों की अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी खटाई में पड़ सकती है। इस वर्ष औली की ढलानों पर फिस (फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्कीइंग) की ओर से दी गई मान्यता नवीनीकृत होनी है। इसके लिए ढलानों पर खेलों के आयोजन की बाध्यता भी है। ऐसे में अगर इस वर्ष औली में नेशनल गेम्स आयोजित नहीं हुए तो वह अपनी स्कीइंग की मान्यता खो बैठेगा और नई मान्यता के लिए दोबारा आवेदन करना मजबूरी हो जाएगी।

loksabha election banner

विश्व प्रसिद्ध स्कीइंग स्थल औली की दक्षिणमुखी ढलानें हमेशा ही स्कीयर्स को लुभाती रही हैं। वर्ष 2011 में इंटरनेशनल सैफ गेम्स आयोजित होने के बाद तो औली ने अपनी बेहतर ढलानों से देश-दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। 

वर्ष 2010 में औली की ढलानों को फिस ने शीतकालीन खेलों के लिए पूरी तरह फिट मानते हुए इसे 2019 तक मान्यता दी थी। मान्यता के नियमों में स्पष्ट है कि इन ढलानों पर नेशनल गेम्स का आयोजन जरूरी है। 

वर्ष 2011 में विंटर सैफ गेम्स के बाद इन स्कीइंग ढलानों पर कोई भी नेशनल गेम्स नहीं हुआ। वर्ष 2012 में इंटरनेशनल फिस रेस और वर्ष 2014 में जूनियर नेशनल गेम्स दो बार कम बर्फबारी के कारण रद करने पड़े। 

विंटर गेम्स एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के महासचिव राकेश रंजन भिलंगवाल का कहना है कि इस बार नेशनल गेम्स का आयोजन न होने की दशा में स्टेट फेडरेशन और सरकार को मान्यता के लिए दोबारा फिस के सामने आवेदन प्रस्तुत करना होगा। हालांकि, औली में राष्ट्रीय स्तर पर नार्डिक व अल्पाइन में सुपर जाइंट सलालम प्रतियोगिता के आयोजन की उम्मीद है। 

सुविधाओं से संपन्न है औली

औली में 1300 मीटर लंबा व 45 मीटर चौड़ा स्लोप है। स्लोप पर 1250 मीटर वर्टिकल ड्रॉप है। स्की स्लोप में खिलाड़ियों के लिए चढ़ने को स्की लिफ्ट है। इसके अलावा खिलाड़ी, आयोजक, पर्यटक व दर्शकों के रहने के लिए भी पर्याप्त सुविधाएं यहां मौजूद हैं। स्नो मेकिंग मशीन भी यहां लगी है और सड़क बंद होने की स्थिति में रोपवे से औली पहुंचा जा सकता है।

यह भी पढ़ें: मुफ्त में नहीं घूम सकेंगे औली की ढलान पर, अब देना होगा इतना शुल्‍क

यह भी पढ़ें: महंगा हुआ रोपवे से औली का दीदार करना, इतना हुआ किराया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.