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28 घंटे बाद उतरे बीएसएनएल टावर पर चढ़े आंदोलनकारी

नंदप्रयाग-घाट सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर बीएसएनएल टावर पर चढ़े एक आंदोलनकारी ने ठंड में ही टॉवर पर रात बिताई। प्रशासन उसे टावर से उतारने का प्रयास कर रही है। आंदोलकारी ने कहा कि यदि उसे जबरन उतारने के प्रयास किए तो वह टावर से कूदकर जान दे देगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 11:53 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 11:53 AM (IST)
28 घंटे बाद उतरे बीएसएनएल टावर पर चढ़े आंदोलनकारी
बीएसएनएल के टावर पर चढ़े एक आंदोलनकारी ने ठंड में ही टॉवर पर रात बिताई।

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग चौड़ीकरण को लेकर बीएसएनएल के टावर पर चढ़े अनशनकारी को 28 घंटे बाद आंदोलनकारियों ने नीचे उतारा। अनशन पर बैठे पूर्व जिला पंचायत सदस्य गुड्डू लाल टावर पर ही अनशन पर बैठे थे। उधर, गुड्डू लाल के स्वास्थ्य में गिरावट को देखते हुए उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाट में भर्ती कराया गया है। इधर, अन्य तीनों अनशनकारियों ने छठवें दिन भी अनशन जारी रखा। आंदोलन के समर्थन में नंदप्रयाग से लेकर घाट तक 19 किमी क्षेत्र के सभी कस्बे दिनभर बंद रहे।

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बता दें कि नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर छह दिनों से भूख हड़ताल चल रही है। छठवें दिन मनोज कठैत, मनोज रावत और यशपाल ङ्क्षसह अनशन पर डटे रहे। उधर, बीते रोज सुबह 9:30 बजे कुमजुगधार स्थित बीएसएनएल टावर पर चढ़े अनशनकारी व पूर्व जिला पंचायत सदस्य गुड्डू लाल ने रातभर टावर पर ही रहकर अनशन किया। प्रशासन व पुलिस देर रात तक उन्हें नीचे उतारने के प्रयास करती रही, लेकिन असफल रहे। अन्य आंदोलनकारियों ने रात को उन्हें टावर पर ही कंबल मुहैया कराई। अनहोनी की आशंका में पुलिस की टीम रातभर टावर के नीचे गश्त पर रही। सुबह भी प्रशासन की टीम ने गुड्डू लाल को उतारने का प्रयास किया। प्रशासन की टीम के वापस जाने के बाद अन्य आंदोलनकारियों के आग्रह पर गुड्डू लाल 28 घंटे बाद दोपहर 3:30 बजे नीचे उतरे। 

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 इधर, आंदोलन के समर्थन में नंदप्रयाग से घाट तक 19 किमी क्षेत्र स्थित कस्बों घाट बाजार, कांडई पुल, सेरा, सितेल, कुरुड़, लुंतरा, बैरासकुंड में व्यापारिक प्रतिष्ठान दिनभर बंद रहे। व्यापारियों ने भी एक स्वर में मांग का समर्थन किया। पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र ङ्क्षसह भंडारी, आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद कपरवाण समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने भी अनशन स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया। पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र ङ्क्षसह भंडारी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सड़क के चौड़ीकरण घोषणा की थी, लेकिन भाजपा की सरकार आने के चलते घोषणा पर अमल नहीं हुआ। कहा कि सरकार स्थानीय निवासियों की जायज मांग को अनुसना कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

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