सुविधाओं के अभाव में शुरू होने से पहले बंद हुआ ट्रामा सेंटर
दुर्घटना के दौरान त्वरित उपचार के लिए चमोली जिला मुख्यालय में वर्ष 2009 में ट्रामा सेंटर का लोकार्पण किया था लेकिन आज तक इसकी शुरुआत नहीं हो पाई।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर :
दुर्घटना के दौरान त्वरित उपचार के लिए चमोली जिला मुख्यालय में वर्ष 2009 में ट्रामा सेंटर का लोकार्पण किया था, लेकिन आज तक इसकी शुरुआत नहीं हो पाई। वर्तमान में यहां जिला चिकित्सालय की आपातकालीन सेवा संचालित की जा रही है। अब स्वास्थ्य विभाग ने इस ट्रामा सेंटर को जिला चिकित्सालय में मर्ज कर दिया है। जिससे भविष्य में ट्रामा सेंटर के संचालन की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
13 फरवरी वर्ष 2004 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तिलकराज बेहड़ की उपस्थित में चमोली जिले के पर्यटन व धार्मिक महत्व को देखते हुए यहां ट्रामा सेंटर की स्वीकृति दी थी। 58. 60 लाख की धनराशि से ट्रामा सेंटर का निर्माण 19 फरवरी वर्ष 2009 को पूरा हो गया था।
ट्रामा सेंटर निर्माण के पीछे उद्देश्य यह था यहां पर दुर्घटना व आपदा के दौरान घायल व्यक्तियों का उपचार यहां किया जा सके। सीटी स्कैन सहित अन्य सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलनी थी। यहां एक साथ सात मरीज भर्ती हो सकते थे। 11 चिकित्सकों के पद भी स्वीकृत हुए थे, लेकिन आवश्यक मशीनों के न लगने व चिकित्सकों की तैनाती न होने के बाद वर्ष 2015 से यहां जिला चिकित्सालय का आपातकालीन कक्ष स्थापित कर दिया गया। जहां पर आपातकालीन सेवा संचालित की जा रही है।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जीएस राणा ने कहा कि ट्रामा सेंटर को जिला चिकित्सालय में मर्ज करने के आदेश हो चुके हैं। ऐसे में जिला चिकित्सालय की आपातकालीन सेवा यहां संचालित की जा रही है।