प्रशासन देगा आपदा प्रभावितों का किराया
संवाद सूत्र, थराली: जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने झलिया गांव के प्राकृतिक आपदा से प्रभावित प
संवाद सूत्र, थराली: जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने झलिया गांव के प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों का लाटातोली तोक में किए गए अस्थाई विस्थापन कार्यो का स्थलीय निरीक्षण कर खाद्यान्न, आवास, पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य आदि मूलभूत सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद की बात कही। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को 20 अक्टूबर तक किराए के भवनों में स्थानांतरित होने को कहा है, जिसका किराया सरकारी स्तर पर दिया जाएगा।
जिलाधिकारी ने झलिया गांव के सभी प्रभावित परिवारों के स्थायी विस्थापन के लिए एसडीएम को शीघ्र वन भूमि हस्तांतरण की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित परिवारों की समस्याएं सुनते हुए हरसंभव मदद उपलब्ध कराने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत झलिया गांव के प्रभावित परिवारों को ग्वालदम की सीमांतर्गत आरक्षित वन क्षेत्र देवसारी के लाटातोली तोक में अस्थायी विस्थापन किया गया है। केंद्र सरकार के वनभूमि हस्तांतरण की स्वीकृति मिलने के बाद प्रभावित परिवारों को स्थायी विस्थापन किया जाएगा। उन्होंने प्रभावित लोगों से कहा कि यदि उनके पास कहीं सुरक्षित भूमि उपलब्ध है और वे वहां विस्थापित होना चाहते हैं, तो इसकी जानकारी जल्द प्रशासन को दें ताकि उनके स्थायी विस्थापन की व्यवस्था की जा सके। इस दौरान जिलाधिकारी ने प्रभावित परिवारों के लिए बने टिन सेट के आवास, पेयजल, विद्युत तथा शौचालयों का भी निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने विस्थापित परिवारों के लिए नियमित रूप से आवश्यक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने को कहा। आपदा प्रभावित पुष्कर ¨सह का कहना है कि जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने विस्थापित ग्रामीणों को 20 अक्टूबर तक सुविधाजनक स्थान पर किराए के भवनों का इंतजाम करने को भी कहा है, जिसका किराया सरकार देगी। लेकिन मवेशियों को लेकर वे कहां किराए के मकान पर जाएं, यह समस्या ग्रामीणों में बनी है। 12 परिवारों को किया था विस्थापित
तहसील थराली के झलिया गांव के ऊपर पहाड़ी से मलबा, पत्थर गिरने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से 12 परिवारों को अगस्त माह में अस्थायी रूप से लाटातोली तोक में विस्थापित किया गया था। प्रभावित परिवारों को जिला प्रशासन ने टिन सेट आवास, टेंट, पेयजल, शौचालय तथा खाद्यान्न की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ प्रत्येक परिवार को एक लाख व 19 सौ रुपये की अहेतुक सहायता भी दी गई थी।