भगवान नर-नारायण के जन्मोत्सव पर लीला ढूंगी में किया अभिषेक
बदरीनाथ धाम में भगवान नर-नारायण के जन्मोत्सव के दूसरे व अंतिम दिन सोमवार को भगवान बद्रीनाथ के जन्म स्थान लीला ढूंगी में पूजा अर्चना और अभिषेक किया।
गोपेश्वर (चमोली), जेएनएन। बदरीनाथ धाम में भगवान नर-नारायण के जन्मोत्सव के दूसरे व अंतिम दिन सोमवार को भगवान बद्रीनाथ के जन्म स्थान लीला ढूंगी में पूजा अर्चना और अभिषेक किया।
सुबह पूजा अर्चना के बाद मंदिर से नर नारायण की डोली भगवान के जन्म स्थान लीला ढूंगी पहुंची, जहां अभिषेक पूजा के बाद यात्रा बद्रीनाथ मंदिर में वापस पहुंची। इस मौके पर धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल आदि मौजूद रहे। इससे पहले दो-दिवसीय जन्मोत्सव के पहले दिन रविवार को भगवान नर-नारायण की डोली अपनी मां देवी मूर्ति से मिलने देश के अंतिम गांव माणा पहुंची। इस दौरान मां से नर-नारायण के मिलन का भावुक कर देने वाले दृश्य देखकर श्रद्धालुओं की आंखें छलछला आईं।
शास्त्रों के अनुसार हस्त नक्षत्र में सूर्य के कर्क राशि में आने पर भगवान नर-नारायण का अवतरण होता है। परंपरा के अनुसार इस मौके पर नर-नारायण की डोली नायब रावल के नेतृत्व में बदरीनाथ धाम से माता मूर्ति मंदिर पहुंचती है। लेकिन, इस बार कोरोना संक्रमण के चलते नायब रावल शंकरन नंबूदरी बदरीनाथ धाम में उपस्थित नहीं थे। इसलिए डोली ने धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल के नेतृत्व में धाम से सादगीपूर्वक तीन किमी दूर माणा गांव स्थित माता मूर्ति मंदिर के लिए प्रस्थान किया।
मान्यता है कि लीलाढुंगी में ही भगवान विष्णु ने नर-नारायण रूप में अवतार लेकर बाल लीलाएं की थीं। धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि लीलाढुंगी में अभिषेक पूजा के बाद नर-नारायण बदरीनाथ लौटेंगे। यहां उन्हें मंदिर परिक्रमा परिसर में स्थापित करने के साथ जन्मोत्सव संपन्न हो जाएगा।
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