मॉडल के रूप में विकसित होंगे आंगनबाड़ी केंद्र
जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया की खास पहल पर नौनिहालों को गुणवत्तापरक पूर्वशाला शिक्षा देने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है। जिलाधिकारी ने गोपेश्वर गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में रिबन काटकर प्रोजेक्ट बचपन का शुभांरभ किया।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया की खास पहल पर नौनिहालों को गुणवत्तापरक पूर्वशाला शिक्षा देने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है। जिलाधिकारी ने गोपेश्वर गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में रिबन काटकर प्रोजेक्ट बचपन का शुभांरभ किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को ट्रैक सूट व हाइजिन किट भी वितरित किए।
प्रोजेक्ट बचपन के पहले चरण के तहत जिले में 10 आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए चयनित किया गया है। जिसमें नौनिहालों के सर्वागीण विकास के लिए सभी सुविधाएं दी जा रही हैं ताकि आंगनबाड़ी से निकलने के बाद बच्चों के शारीरिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक स्तर में भी प्रभावी सुधार हो सके। जिलाधिकारी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रारंभिक शिशु शिक्षा के स्तर में सुधार लाने तथा बेहतर और सुनियोजित तरीके से शिशुओं को शिक्षा प्रदान के लिए प्रोजक्ट बचपन के तहत सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। कहा कि बेहतर शिक्षा के लिए डायट के माध्यम से सभी 1078 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए यूनिक माड्यूल तैयार कर कार्यकर्ताओं को इसका प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि नौनिहालों को पोषणयुक्त भोजन की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है, जिसे देखते हुए सभी केंद्रों में बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए मेन्यू भी तैयार किया गया है। कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में ही भोजन बनाने की सुविधा उपलब्ध हो, इसके लिए मॉडल आंगनबाड़ियों को गैस कनेक्शन भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा अगले महीने 10 और आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए चयनित किया जाएगा। उन्होंने सभी केन्द्रों में प्रत्येक माह में एक दिन प्रतिभा दिवस मनाने और अभिभावक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बैठक कराने को कहा ताकि बैठक में विचार-विमर्श कर बच्चों की कमियों को दूर किया जा सके।
प्रोजेक्ट बचपन में शामिल केंद्र
प्रोजेक्ट बचपन के पहले चरण के तहत दशोली ब्लॉक में आंगनबाड़ी केंद्र गोपेश्वर गांव व नंदप्रयाग, पोखरी में जौरासी, नारायणबगड़ में नलगांव, देवाल में पूर्णा, थराली में कुराड़, गैरसैंण में सारेग्वाढ़, कर्णप्रयाग में जाख, घाट में बादुक, जोशीमठ में पाखी को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन सभी केंद्रों में प्रोजेक्टर, लैपटॉप, ऑडियो किट, लर्निंग मैटेरियल, पंचतंत्र व महान व्यक्तियों की जीवनी संबंधी पुस्तक, हाइजिन किट, फर्स्ट एड किट, टेबल-कुर्सी, गुड्डा-गुड्डी बोर्ड, खेलकूद तथा लंबाई और वजन मापने के लिए आवश्यक सामग्री दी जा रही है। साथ ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए आंगनबाड़ी के बच्चों को ट्रैकसूट भी दिए जा रहे हैं।