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हेमकुंड साहिब में 50 फीट ऊंचे हिमखंड, बदरीनाथ हाईवे में गड्ढों से खतरा

मई माह बीतने को है लेकिन हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में अभी भी 20 फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है। गुरुद्वारा पवित्र सरोवर और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 09:42 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 09:42 AM (IST)
हेमकुंड साहिब में 50 फीट ऊंचे हिमखंड, बदरीनाथ हाईवे में गड्ढों से खतरा
हेमकुंड साहिब में 50 फीट ऊंचे हिमखंड, बदरीनाथ हाईवे में गड्ढों से खतरा

चमोली, जेएनएन। मई माह बीतने को है, लेकिन हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में अभी भी 20 फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है। गुरुद्वारा, पवित्र सरोवर और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर कहीं नजर नहीं आ रहे, जबकि हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग पर कई जगह 40 से 50 फीट ऊंचे हिमखंड खड़े हैं। 

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हालांकि, कोरोना महामारी के चलते हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट की तिथि पर अभी संशय की स्थिति है। पहले कपाट खोलने की तिथि एक जून घोषित की गई थी, बाद में इसे स्थगित कर दिया गया।

चमोली जिले में समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब में बीते शीतकाल भारी बर्फबारी हुई है। जिससे अभी भी दूर-दूर तक बर्फ के सिवा कुछ नजर नहीं आ रहा। हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग भी अटलाकोटी से ऊपर 10 फीट बर्फ के आगोश में है। 

कोरोना महामारी के मद्देनदर हेमकुंड साहिब के कपाट खोलने पर कोई निर्णय न होने के कारण अभी तक पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य शुरू नहीं हुआ है। गुरुद्वारा प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि वे हाल ही में दो स्थानीय लोगों के साथ हेमकुंड साहिब का दौरा करके लौटे हैं। वहां अभी भी आए दिन बर्फबारी हो रही है। बताया कि इस साल वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते धाम के कपाट खोलने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। लॉकडाउन पूरी तरह हटने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

बदरीनाथ, हेमकुंड की चोटियों पर बर्फबारी

चमोली जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी है। बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब की चोटियों पर बर्फबारी होने से ऊंचाई वाले इलाकों में अभी भी ठंड बरकरार है। जिले के निचले इलाकों में सुबह से मौसम साफ रहा। 

बदरीनाथ हाईवे पर गड्ढे दे रहे दुर्घटना को न्योता

भले ही कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस साल बदरीनाथ धाम की यात्रा बंद हो। बावजूद इसके ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं, जो दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। खासकर कंचनगंगा में दो फीट चौड़े गड्ढे बने हुए हैं। यह गड्ढे स्थानीय लोगों की आवाजाही में परेशानी पैदा कर रहे हैं। 

ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे के रखरखाव का कार्य सीमा सड़क संगठन के पास है। जोशीमठ से गौचर तक तो हाईवे चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। जोशीमठ से बदरीनाथ तक बीआरओ के पास सड़क की जिम्मेदारी है। इसी क्षेत्र में बड़े-बड़े गड्ढे सड़कों पर दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। कोविड-19 के चलते इस साल बदरीनाथ धाम की यात्रा बंद की गई है। अगर यात्रा चलती तो सड़क की स्थिति क्या होती अंदाजा लगाया जा सकता है। 

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इन दिनों बामणी, माणा के ग्रामीण अपने ग्रीष्मकालीन प्रवासों की ओर रुख कर रहे हैं। इन लोगों के वाहन भी सड़क पर हिचकोले खाकर जा रहे हैं। बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल का कहना है कि कंचनगंगा में लगातार हिमखंड गिरने की वजह से सड़क पर गड्ढे बने हैं। इन दिनों सड़क को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है। जल्द ही गड्ढों को भी भर दिया जाएगा।

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