Coronavirus: चमोली जिले में 262 लोगों को किया फैसिलिटी क्वारंटाइन
पिछले दो दिन में बाहरी प्रदेशों से आए जिले के 262 लोगों को जिला प्रशासन ने गौचर कर्णप्रयाग गैरसैंण भराड़ीसैंण आदि स्थानों पर फैसिलिटी क्वारंटाइन किया है।
गोपेश्वर, जेएनएन। पिछले दो दिन में बाहरी प्रदेशों से आए जिले के 262 लोगों को जिला प्रशासन ने गौचर, कर्णप्रयाग, गैरसैंण, भराड़ीसैंण आदि स्थानों पर फैसिलिटी क्वारंटाइन किया है। मेडिकल टीम फैसिलिटी क्वारंटाइन में रह रहे लोगों की नियमित जांच कर रही है।
वर्तमान में जिले में बाहरी जिलों से आए 1801 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। होम क्वारंटाइन किए गए लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गठित 23 मोबाइल चिकित्सा टीमों ने 48 गांवों में घर-घर जाकर 232 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
कोरोना संक्रमण पर निगरानी रखने के लिए जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने ब्लॉक एवं सिटी रिस्पांस टीमें भी गठित की हैं। इन टीमों ने कोरोना संदिग्धों की जानकारी जुटाने के लिए अब तक 6241 लोगों से संपर्क किया है।
वहीं, कोविड हेल्थ सेंटर गोपेश्वर के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एक मरीज का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। जिले में अब तक लिए गए 26 सैंपल में से 25 की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। जिलाधिकारी के निर्देशों पर सभी कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी एवं कार्मिकों की स्क्रीनिंग कराई जा रही है।
महिला कर्मी को ब्लाक में ही कर दिया क्वारंटाइन
टिहरी जनपद में नरेंद्रनगर ब्लाक के फकोट में तैनात वरिष्ठ सहायक को ब्लाक में ही क्वारंटाइन करने को टिहरी विधायक धन सिंह नेगी ने गलत बताते हुए नाराजगी जताई है। उन्होंने इस संबंध में सचिव आपदा प्रबंधन को पत्र लिखा है।
विधायक का कहना है कि आरती राणा नरेंद्रनगर ब्लाक के फकोट में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत है। 5 मई को ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद बीडीओ ने उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन ब्लाक में ही कर दिया गया। ब्लाक में एकमात्र महिला को क्वारंटाइन करना सही प्रतीत नहीं होता है, जबकि महिला ने होम क्वारंटाइन करने का प्रार्थना पत्र एसडीएम नरेंद्रनगर को दिया है।
विधायक का कहना है कि ब्लाक में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही यहां पर कैंटीन की सुविधा है। यहां पर ब्लाक कर्मचारियों का ऋषिकेश से आना-जाना होता है तथा स्वयं बीडीओ देहरादून से आते-जाते हैं। विधायक का कहना है कि इस बाबत डीएम से वार्ता करने पर भी उक्त प्रकरण को संज्ञान में नहीं लिया गया, बल्कि उन्हें नई टिहरी स्थित उनके आवास पर क्वारंटाइन करने से मना किया जा रहा है।
इस प्रकरण में यदि कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा। उन्होंने उक्त प्रकरण पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आरती राणा को उनके नई टिहरी स्थित आवास पर क्वारंटाइन करने के निर्देश जारी करने की मांग की है।
नोएडा से तैनाती पर आए डॉक्टर का क्वारंटाइन
जीआइएमएस नोएडा से टिहरी जिला अस्पताल में तैनाती लेने पहुंचे डॉ. कुलभूषण त्यागी को चौदह दिन के क्वारंटाइन में भेजा गया है। फिलहाल उन्हें जीएमवीएन के गेस्टहाउस में रखा गया, जबकि वह पहले भी जीआइएमएस में सेवाएं देने के पश्चात 14 दिन से भी आधिक समय तक क्वारंटाइन में रहे हैं।
डॉ. कुलभूषण त्यागी जीआइएमएस हास्पीटल ग्रेटर नोएडा में आइसोलेशन इंमरजेंसी वार्ड में तैनात थे। अस्पताल में अपनी सेवाएं पूर्ण करने के बाद उनकी तैनाती नई टिहरी जिला अस्पताल में हुई थी। वह बीती मंगलवार को जिला अस्पताल बौराड़ी में तैनाती लेने आ रहे थे।
सांय के समय जैसे ही वे नई टिहरी की सीमा ढाईजर में पहुंचने के नोडल अधिकारी ने उन्हें परिवार सहित जीएनवीएम में पृथक रहने आदेश दिया गया। डॉ. त्यागी जीआइएमएस में तैनाती के पश्चात 14 दिन का क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर चुके थे। वह कोराना की निगेटिव रिपोर्ट साथ लाए थे, फिर भी उन्हें 14 दिन में क्वारेंटाइन में रखा गया है। डॉक्टर ने भी सहजता से आदेश स्वीकार किया।
मंगलवार को उनकी बिटिया का पहला जन्मदिन था जिस कारण वह बिटिया का सहीं ढंग से जन्मदिन भी नहीं मना पाए। स्थानीय युवाओं का जैसे ही इसका पता चला तो उन्होंने जीएमवीएन के समीप डॉक्टर की बिटिया व परिवार को जन्मदिन की बधाई दी।
नई टिहरी निवासी देवेंद्र नौडियाल ने बताया कि शारीरिक दूरी को ध्यान में रखकर डॉक्टर बिटिया को जन्मदिन की बधाई दी गई। सीएमओ डॉ. मीनू रावत ने बताया कि बाहर से आने के कारण डॉक्टर को क्वारंटाइन में रखा गया है। फिलहाल उन्हें जीएमवीएन में रखा गया है। यदि वह घर भी जाएंगे तो 14 दिन तक वे घर पर ही रहेंगे। डॉक्टर पत्नी व बेटी के साथ यहां पहुंचे थे।
होम क्वारंटाइन अधिकारी घर मंगा रहे हैं फाइल
पौड़ी में बाहरी शहरों से आए लोगों पर प्रशासन निगरानी नहीं रख पा रहा है। कुछ कर्मचारी क्वारंटाइन होने के बजाय कार्यालयों में काम कर रहे हैं तो कई होम क्वारंटाइन अधिकारी कर्मचारियों को घर बुला रहे हैं। वहीं, प्रशासन का कहना है कि क्वारंटाइन के प्रति सख्ती बरती जाएगी।
लॉकडाउन-3 के दौरान सभी सरकारी कार्यालय खुल गए हैं। कार्यालय में उपस्थिति के लिए कर्मचारियों का लौटना भी शुरू हो गया है। अधिकांश विभागाध्यक्ष बाहर से आने वाले कर्मचारियों की सूचना प्रशासन को दे रहे हैं। जिस पर कर्मचारियों को होम क्वारंटाइन किया जा रहा है।
कई विभागों में कर्मचारियों की लौटने की सूचना प्रशासन को दिए जाने में लापरवाही बरती जा रही है और कर्मचारी बाहर शहरों से लौटकर कार्यालयों में काम कर रहे हैं। वहीं बताया जा रहा है कि गढ़वाल विवि के एक अधिकारी को होम क्वारंटाइन किया गया है, लेकिन उक्त अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से फाइल मंगा रहे हैं।
अधीनस्थ कर्मचारी उक्त अधिकारी के घर पहुंच कर विभागीय कार्यों का संपादन कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में होम क्वारंटाइन का मखौल बन रहा है। वहीं अपर जिलाधिकारी डॉ. एसके बरनवाल ने कहा कि इस प्रकार के मामलों की जानकारी ली जाएगी। क्वारंटाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा।
वीडीओ के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि के आदेश दिए
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने जिला मुख्यालय से लगे कंसेण गांव में होम क्वारंटाइन लोगों की जानकारी ली। इस दौरान सही व्यवस्था न होने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। साथ ही ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि देने के आदेश डीआरडीए के परियोजना निदेशक को दिए।
औचक निरीक्षण के दौरान चार परिवार के 10 व्यक्तियों की होम क्वारंटाइन की व्यवस्था असंतोषजनक पाई गई। जिलाधिकारी ने सबको कड़ी चेतावनी देते हुए होम क्वारंटाइन के नियमों का सौ फीसद अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। संबंधित ग्राम विकास अधिकारी कृष्णा नेगी की ओर से गांव के पंचायत भवन व स्कूल में क्वारंटाइन केंद्र न बनाने पर भी डीएम ने नाराजगी व्यक्त की।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि कोविड-19 को लेकर बरती गई लापरवाही कतई क्षम्य नहीं है। इसके लिए ग्रामीण स्तर पर समस्त खंड विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं तैनात कार्मिक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना सुनिश्चित करें।
यह भी पढ़ें: Coronavirus: प्रशासन की चूक से बढ़ सकता है कोरोना का खतरा
साथ ही जिलाधिकारी ने समस्त ग्राम विकास अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्र में ग्रामीणों व संबंधित परिवार का सहयोग लेते हुए अगले 48 घंटों के भीतर पंचायत व विद्यालय क्वारंटाइन को प्रभावी ढंग से कार्यशील करना सुनिश्चित करें। निरीक्षण के दौरान परियोजना निदेशक डीआरडीए राजेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे।
यह भी पढ़ें: Coronavirus: भूखे-प्यासे लोगों को घर के पास ही ङोलनी पड़ी मुसीबत Uttarkashi News