17 चिकित्सक गायब, कई चला रहे निजी चिकित्सालय
संवाद सहयोगी गोपेश्वर पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए भले ही सरकार दावे
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर:
पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए भले ही सरकार दावे कर रही हो, लेकिन उनके दावे सही तौर पर धरातल पर नहीं दिख रहें हैं। ऐसा ही कुछ मामला चमोली जिले के सरकारी अस्पतालों का है। यहां लंबे समय से 17 चिकित्सक ही सेवा से नदारत हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि अस्पताल में सेवा देने के बजाय कई चिकित्सकों ने खुद का क्लीनिक खोल दिया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग इन चिकित्सकों को नोटिस देकर कार्यो की इतिश्री कर रहा है।
चमोली जिले में ऐसे भी चिकित्सक हैं, जो एक दशक से चिकित्सा सेवा की अपनी ड्यूटी से गायब हैं। हालत यह है कि अधिकतर चिकित्सक खुद के बीमार होने का तर्क देकर यहां से चलते बने हैं, लेकिन वास्तविकता भी किसी से छुपी नहीं हैं। कई चिकित्सक तो जिले व अन्य जगहों में अपना निजी क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का भी मानना है कि कई बार नोटिस भेज कर भी चिकित्सक उपस्थित नहीं हुए।
गौरतलब है कि चमोली जिले में चिकित्सकों की खासी कमी है। यहां पर स्वीकृत पदों के आधे से अधिक पद खाली हैं। ऐसे में जो तैनात भी हैं, उनकी अनुपस्थिति के चलते मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है। चमोली के सबसे बड़े चिकित्सालय में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों के अधिकतर पद खाली हैं। यहां पर हृदय रोग विशेषज्ञ, सर्जन, महिला रोग विशेषज्ञ सहित कई महत्वपूर्ण पद पर लंबे समय से रिक्त हैं।
लंबे सयम से ये चिकित्सक हैं ड्यूटी से गायब
डॉ. राजेश प्रसाद गिरी, राजकीय एलौपेथिक चिकित्सालय बदरीनाथ, डॉ. निलेश कुमार देवलकोट, डॉ. अशोक कुमार पांडुकेश्वर , डॉ. हिमांशु वर्मा मैहलचौरी , डॉ. प्रमोद सिंह नारायणबगड़ , डॉ. दीपक सेमवाल कर्णप्रयाग, डॉ. संजय कवान जोशीमठ, डॉ. देवेंद्र कुमार जोशीमठ, डॉ. देवेंद्र बहादुर सिंह गैरसैंण, डॉ. राजेश कुमार पोखरी, डॉ. अमित कुमार पांडे घाट, डॉ. संजय सेन घाट, डॉ. किशोर सिंह कठैत गोपेश्वर, डॉ. जमशेद अली गोपेश्वर, डॉ. डीसी पंत गोपेश्वर, डॉ. विपिन शर्मा कांडई, डॉ. विवेक तिवारी थराली।
क्या कहते हैं अधिकारी
लंबे समय से कार्य से अनुपस्थित इन विशेषज्ञ चिकित्सकों व चिकित्सा अधिकारियों को नोटिस देकर 10 दिन के अंदर महानिदेशक चिकित्सा के समक्ष उपस्थित दर्ज कर कारण बताने के लिए कहा गया है। यदि समय पर नोटिस का जवाब नहीं मिलता है तो माना जाएगा कि ये लोग राजकीय सेवा के इच्छुक नहीं हैं। ऐसे लोगों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ------ डॉ. अनूप कुमार डिमरी मुख्य चिकित्सा अधिकारी चमोली गोपेश्वर