पवित्र छड़ी यात्रा का बागनाथ मंदिर में स्वागत
जासं बागेश्वर बागनाथ मंदिर में जूना अखाड़े की प्राचीन पवित्र छड़ी यात्रा दोबारा बागेश्वर पहुंच
जासं, बागेश्वर: बागनाथ मंदिर में जूना अखाड़े की प्राचीन पवित्र छड़ी यात्रा दोबारा बागेश्वर पहुंची। जहां श्रद्धालुओं ने यात्रा का जोरदार स्वागत किया। हरिद्वार से यात्रा को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रवाना किया था। यहां पहुंचने से पूर्व यात्रा कौसानी व बैजनाथ धाम, जागेश्वर धाम होकर आई। दोबार जागेश्वर, नैनीताल होते हुए यात्रा यहां पहुंची।
गत गुरुवार को छड़ी यात्रा बागेश्वर पहुंची। जहां भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा का जलाभिषेक किया। जूना अखाड़ा के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्य मुख्य संयोजक प्रेम गिरी महाराज ने बताया कि हरिद्वार से चलने के बाद वे पहले भी बागेश्वर आए। बागेश्वर के बाद वे जागेश्वर, गेठिया, नैनीताल, पाताल भुवनेश्वर होते हुए दोबारा बागेश्वर पहुंचे हैं। यात्रा में 60 से 70 साधु चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि आदि जगत गुरु शंकराचार्य पांच साल की उम्र में छड़ी लेकर धर्म की रक्षा के लिए निकले थे। तब से यह परंपरा चल रही है। धर्म परिवर्तन कर रहे लोगों को भी इस यात्रा के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व सीएम ने हरिद्वार की अधिष्ठात्री माया देवी मंदिर के प्रांगण में वैदिक विधिविधान से पूजन कर यात्रा को चार धामों के लिए रवाना किया। जूना अखाड़े के संरक्षक ने बताया कि वहां से यात्रा व्यास गुफा, पांडुकेश्वर मंदिर, विष्णु प्रयाग होते हुए पीपलकोटी गई। शिवदत्त गिरी ने बताया कि सनातन धर्म का मुख्य लक्ष्य इस यात्रा का है। पवित्र छड़ी लेकर महंत प्रेमागिरी व महंत विद्यानंद सरस्वती साधु संतों के साथ कर्णप्रयाग पहुंचे। इस मौके पर शंकर गिरी महाराज, महंत शिव दत्त गिरी, धीरज गिरी, महंत पशुपति गिरी, महंत सहजानंद आदि मौजूद थे।