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बागेश्वर के ललित को उत्तराखंड एंस्पायर अवार्ड, सीएम धामी ने किया पुरस्कृत, इस क्षेत्र में दे रहे योगदान

Uttarakhand Inspire Award एडवोकेट ललित मोहन जोशी नशा उन्मूलन के लिए बीते 15 वर्षों से कार्य कर रहे हैं। वह नशे के विरुद्ध प्रदेशभर के स्कूलों में युवाओं से संवाद कर उन्हें नशे से दूर रहने के लिए जागरूक करते आ रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Rajesh VermaPublished: Sat, 12 Nov 2022 02:13 PM (IST)Updated: Sat, 12 Nov 2022 02:13 PM (IST)
बागेश्वर के ललित को उत्तराखंड एंस्पायर अवार्ड, सीएम धामी ने किया पुरस्कृत, इस क्षेत्र में दे रहे योगदान
नशा उन्मूलन और उच्च शिक्षा में अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें पुरस्कृत किया गया है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : Uttarakhand Inspire Award: काफलीगैर के एडवोकेट ललित मोहन जोशी को उत्तराखंड एंस्पायर अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदान किया। सम्मान मिलने पर जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनके पुरस्कार मिलने पर कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, विधायक सुरेश गढ़िया, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, नगर पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल आदि ने खुशी व्यक्त की है।

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नशा उन्मूलन और उच्च शिक्षा में योगदान के लिए दिया गया सम्मान

देहरादून में आयोजित उमंगोत्सव के दौरान जोशी को यह सम्मान सीएम के अलावा हंस फाउंडेशन के संस्थापक मंगला माता व भोले जी महाराज के हाथों से प्राप्त हुआ। नशा उन्मूलन और उच्च शिक्षा में अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें पुरस्कृत किया गया है।

15 वर्षों से कर रहे नशे के विरुद्ध प्रचार

एडवोकेट ललित मोहन जोशी नशा उन्मूलन के लिए बीते 15 वर्षों से कार्य कर रहे हैं। वह नशे के विरुद्ध प्रदेशभर के स्कूलों में युवाओं से संवाद कर उन्हें नशे से दूर रहने के लिए जागरूक करते आ रहे हैं। वहीं, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी वह अपना अतुलनीय योगदान दे रहे हैं। देहरादून में वह मेडिकल एवं मैनेजमेंट के दो उच्च शिक्षण संस्थान संचालित कर रहे हैं।

गरीब व असहाय बच्चों को देते हैं नि:शुल्क उच्च शिक्षा

खास बात यह है कि इन दोनों संस्थानों में वह गरीब व असहाय बच्चों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा भी प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर प्रदेश के 300 छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष नि:शु्ल्क उच्च शिक्षा प्रदान करने का एलान किया है। जिसमें राज्य आंदोलनकारियों, लोक कलाकार व पत्रकारों के बच्चों के लिए भी प्रावधान किया गया है। वर्तमान में कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चे भी कालेज में नि:शुल्क उच्च शिक्षा का लाभ ले रहे हैं।

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