मंगल्टा में कूड़ा फेंका तो होगा उग्र आंदोलन
संवाद सूत्र, गरुड़ : गरुड़ क्षेत्र के कूड़े के निस्तारण के लिए प्रशासन और जिला पंचायत द्वारा च
संवाद सूत्र, गरुड़ : गरुड़ क्षेत्र के कूड़े के निस्तारण के लिए प्रशासन और जिला पंचायत द्वारा चयनित स्थल का क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने पुरजोर विरोध किया है। जिलाधिकारी को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि वे किसी भी कीमत पर मंगल्टा में कूड़ाघर नहीं बनने देंगे। यदि यहां कूड़ा फेंका गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि ट्रं¨चग ग्राउंड का चयन गोमती नदी के किनारे किया जा रहा है। यहां कूड़ा फेंकने से सारी गंदगी गोमती नदी में बह कर जाएगी। जिससे पूरी नदी प्रदूषित हो जाएगी। जबकि इसी नदी पर दो दर्जन गांवों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वृहद पेयजल योजना का निर्माण किया जा रहा है। इसी स्थान पर दो ¨सचाई नहरों का हैड भी स्थित है और विश्व प्रसिद्ध बैजनाथ मंदिर और काíतकेश्वर भी इसी नदी के किनारे स्थित हैं। ऐसे में ग्रामीण कैसे दूषित पानी पिएंगे और कैसे दूषित पानी से जलाभिषेक करेंगे। कच्यूली और पुरड़ा पं¨पग सेट भी इसी नदी पर हैं। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि गोमती नदी का जल पालतू जानवरों समेत गर्मियों में लोगों की प्यास बुझाता है। इस स्थान पर कूड़ा फेंकने से गोमती नदी का पानी प्रदूषित हो जाएगा। इससे विश्व प्रसिद्ध बैजनाथ धाम और वृहद पेयजल योजना प्रभावित होगी और भयंकर बीमारियां फैलने की संभावना होगी। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि यह एनजीटी के नियमों का भी खुला उल्लंघन है। इस संबंध में एसडीएम के माध्यम से डीएम को ज्ञापन भेजा गया।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान जगदीश राम, कच्यूली की प्रधान मुन्नी देवी, सिमखेत की प्रधान हेमा बोरा, लोहागड़ी की प्रधान ललिता देवी, ढोलगांव की प्रधान शोभा देवी, मैगड़ीस्टेट के प्रधान खीम चंद्र, ¨पगलों के प्रधान दीनानाथ, रौल्याणा के प्रधान मदन गोस्वामी, गैरलेख के प्रधान रमेश राम समेत जिला पंचायत की सदस्या नंदी भंडारी मौजूद थे।