उत्तराखंड ओडीएफ राज्य घोषित, गरुड़ तरस रहा सार्वजनिक शौचालय को
अब भले ही उत्तराखंड को ओडीएफ राज्य घोषित कर दिया गया हो, लेकिन बागेश्वर जिले का गरुड़ बाजार आज भी एक अदद शौचालय के लिए तरस रहा है।
बागेश्वर, [जेएनएन]: प्रदेश सरकार भले ही संपूर्ण राज्य को ओडीएफ घोषित कर चुकी हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। गरुड़ का मुख्य बाजार आज भी एक अदद सार्वजनिक शौचालय की बाट जोह रहा है। यहां बन रहे सार्वजनिक शौचालय का कार्य अधर में लटक गया है। ठेकेदार ने निर्माण कार्य आधे में ही छोड़ दिया है। जिला पंचायत ने भी बजट न मिलने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया है।
गरुड़ बाजार को वर्तमान में एक अदद सार्वजनिक शौचालय की दरकार है। बाजार में शौचालय न होने से जहां ग्राहकों और राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं बाहर से आने वाले यात्री खासे परेशान रहते हैं। खासतौर पर महिला यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
लोगों की मांग पर पर्यटन विभाग ने शौचालय के लिए तीन लाख की धनराशि स्वीकृत की। गत माह जिला पंचायत ने राममंदिर को जाने वाली गली में शौचालय का निर्माण कार्य शुरू किया। एक माह काम करने के बाद अब ठेकेदार ने निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया है। जिससे स्थानीय लोग आक्रोशित हैं।
संघर्ष समिति और व्यापार संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
वहीं गरुड़ में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कार्य अधूरा छोड़ देने पर नगर पंचायत बनाओ संघर्ष समिति और व्यापार संघ में तीव्र रोष व्याप्त है। संघर्ष समिति के संयोजक एडवोकेट डीके जोशी, अध्यक्ष कैलाश बोरा और व्यापार संघ के अध्यक्ष अखिल आजाद जोशी ने अधूरे शौचालय का निर्माण पूरा करने की मांग की है। उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर हस्तक्षेप कर तत्काल शेष निर्माण पूरा कराने की मांग की है। चेतावनी देते हुए कहा कि यदि निर्माण कार्य पूरा नहीँ किया गया तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने कहा कि शौचालय के लिए पर्यटन विभाग ने तीन लाख की राशि स्वीकृत की। लेकिन अब तक जिला पंचायत को मात्र 1.20 लाख की धनराशि ही अवमुक्त हो पाई है। जिसका सदुपयोग कर आधा शौचालय बना दिया गया है। शेष धनराशि मिलने के बाद ही निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। यह भी पढ़ें: देश का चौथा ओडीएफ राज्य बना उत्तराखंड
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