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बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन के सपने का फिर शुरू हुआ सफर

बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन निर्माण की एक बार फिर आस जगी है। रेलवे बोर्ड ने प्रारंभिक सर्वे पूरा कर लिया है। 154.58 किमी लंबी इस लाइन की सूचना रेल विकास निगम के अध्यक्ष और एमडी को भी सौंपी गई है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 13 क्रॉसिग और एक टर्मिनल स्टेशन बनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 04:53 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 04:53 PM (IST)
बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन के सपने का फिर शुरू हुआ सफर
बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन के सपने का फिर शुरू हुआ सफर

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन निर्माण की एक बार फिर आस जगी है। रेलवे बोर्ड ने प्रारंभिक सर्वे पूरा कर लिया है। 154.58 किमी लंबी इस लाइन की सूचना रेल विकास निगम के अध्यक्ष और एमडी को भी सौंपी गई है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 13 क्रॉसिग और एक टर्मिनल स्टेशन बनाया जाएगा। ये स्टेशन टनकपुर, पूर्णागिरि रोड, कालढूंगा, पोलाबन, धनोर, पंचेश्वर, कारीघात, बिरकोला, नयाल, सल्यूर, जमनी, रालखोलीचक और बागेश्वर होंगे।

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रेलवे बोर्ड ने 18 जून को रेल विकास निगम के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक को भेजे पत्र में 154.58 किमी लंबी इस प्रस्तावित लाइन का प्रारंभिक सर्वे पूरी की है। इसके लिए 873 करोड़ रुपये की 958 हेक्टेयर जमीन चाहिए। इस परियोजना में 276 पुल और 72 सुरंगों की जरूरत होगी। रेल लाइन के निर्माण में प्रति किमी 45 करोड़ की दर से कुल 6967 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हाल ही में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से दिल्ली में मुलाकात कर प्रस्तावित रेल लाइनों की मंजूरी मांगी थी। रेल मंत्री ने टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सर्वे कराने की बात कही थी। रेलवे बोर्ड के निदेशक प्रोजेक्ट के इस पत्र को रेल मंत्री के एलान के क्रम में देखा जा रहा है। परियोजना की डिटेल सर्वे की ओर बढ़ता कदम माना जा रहा है।

स्मारिक दृष्टि से रेल लाइन का निर्माण जरूरी

बागेश्वर-टनकपुर रेल बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष नीमा दफौटी ने कहा कि स्मारिक दृष्टि से रेल लाइन का निर्माण होना जरूरी है। रेल लाइन की मांग दशकों पुरानी हैं। हर बार चुनावों के समय ही रेल लाइन निर्माण का आश्वासन क्षेत्रवासियों को दिया जाता है। चुनाव होते ही इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता हैं।

रेल लाइन को लेकर अब तक किए गए प्रयास

-1882 में ब्रिटिश शासन काल में बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन का प्रस्ताव आया

-1912 में सबसे पहले अंग्रेजों ने इस रेल लाइन की सर्वे कराया

-यूपीए सरकार में 2006, 2009, 2010, 2011 में रेल लाइन के लिए सर्वे हुआ

-2011 में रेल लाइन राष्ट्रीय परियोजना घोषित हुई

-2018 में रेल लाइन की डीपीआर तैयार करने को लेकर रेल मंत्री ने दिया आश्वासन

-2019 बागेश्वर रेल लाइन के सर्वे को लेकर फिर मिली धनराशि सर्वे रिपोर्ट रेल विकास निगम के अध्यक्ष और एमडी को सौंपी गई है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 13 क्रॉसिग और एक टर्मिनल स्टेशन बनेगा।

- पंकज कुमार, परियोजना और निगरानी निदेशक, रेलवे बोर्ड।


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