बारिश के बाद दरकने लगे पहाड़, भूस्खलन का खतरा बढ़ा
बागेश्वर जिले में बारिश के बाद अब पहाड़ की भूमि दरकने लगी है। घर आंगन पेयजल योजनाओं को नुकसान हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह भूस्खलन ने रास्तों खेतों और अन्य स्थानों का नक्शा भी बदल डाला है।
जासं, बागेश्वर : बारिश के बाद अब पहाड़ की भूमि दरकने लगी है। घर, आंगन, पेयजल योजनाओं को नुकसान हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह भूस्खलन ने रास्तों, खेतों और अन्य स्थानों का नक्शा भी बदल डाला है। बावजूद फिर से जीवन को पटरी में लाने की कवायद में लोग जुट गए हैं।
गापानी क्षेत्र में अतिवृष्टि ने तांडव मचाया है। केदार गिरी पुत्र आनगिरी, भगवती देवी पत्नी स्व. ईश्वर गिरी, भुवन गिरी स्व. आन गिरी के आंगन पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। भू-धंसाव के कारण उनके मकानों को भी खतरा बना हुआ है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद मेहता ने बताया कि आंगन छह फिट तक धंस गए हैं। परिवारों को जानमाल का खतरा बना हुआ है। उन्होंने मकान छोड़ दिए हें और पंचायत घर में शरण ली है। विधायक से मुआवजे की मांग की है। बमराड़ी क्षेत्र में भी अतिवृष्टि से व्यापक नुकसान हुआ है। किरपुट तोक को जोड़ने वाला पैदल पुल ध्वस्त हो गया है। आशागाड़ गधेरे में बना तटबंध भी बह गया है। किसानों के खेत मलबे से भर गए हैं। भूस्खलन के कारण दीवारों को नुकसान पहुंचा है। गांव की पेयजल योजना भी ध्वस्त हो गई है। सोबन सिंह पुत्र पान सिंह के मकान, गोपा राम पुत्र शिव राम के आवासीय भवन को भी नुकसान पहुंचा है। लाल सिंह पुत्र स्व. किशन सिंह के खेत मलबे में तब्दील हो गए हैं। खिमुली देवी पत्नी स्व. चनर राम का शौचालय क्षतिग्रस्त हो गया है। ग्राम प्रधान मोहन सिंह नगरकोटी ने प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की है।
इधर ठाकुरद्वारा वार्ड में शुक्रवार की सुबह कैलखुरिया मंदिर के समीप भूस्खलन के कारण पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। मकानों को भी खतरा बना हुआ है।
उधर, गरुड़, कंपकोट, कांडा, दुग नाकुरी आदि क्षेत्रों में अतिवृष्टि से किसानों को व्यापक नुकसान हुआ है। नई बस्ती में हरीश राम पुत्र स्व. कालू राम का आंगन ध्वस्त हो गया है। जिससे मकान को खतरा बना हुआ है। उन्होंने स्कूल या पंचायत घर में शरण मांगी है।