..तो यहां भी सूरत जैसे हादसे का हो रहा इंतजार
जागरण संवाददाता बागेश्वर जहां पूरे देश में सूरत अग्निकांड की घटना के बाद शिक्षण संस्था
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जहां पूरे देश में सूरत अग्निकांड की घटना के बाद शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा की मांग उठने लगी है। वहीं दूसरी ओर राजीव गांधी आवासीय नवोदय विद्यालय बहुली के स्कूली बच्चे व शिक्षक अभी भी बारुद के ढेर पर बैठे हैं। हर दिन स्कूली बच्चे डर-डर कर रहने और पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
जिला मुख्यालय के चार किमी दूर बहुली में राज्य सरकार के माध्यम से संचालित राजीव गांधी आवासीय नवोदय विद्यालय है। यह विद्यालय 2009 में स्थापित हुआ। तब यह जीआइसी में चलता था। 2012 में यह भवन बहुली शिफ्ट किया गया। आवासीय स्कूल खोलने का उद्देश्य क्षेत्र के गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके। वर्तमान में यहां पर 150 बच्चे अध्ययनरत हैं। इस विद्यालय के पास ही इंडेन का गैस गोदाम भी है। यहां पर सैकड़ों सिलेंडर प्रतिदिन उतारे जाते हैं और सप्लाई के लिए ले जाए जाते हैं। इसी से विद्यालय भी सटा हुआ है। गैस गोदाम से गैस भी रिसती रहती है। जिसकी बदबू से हर दिन छात्र-छात्राएं पढ़ते, सोते समय परेशान रहते हैं। कई बार इस संबंध में अभिभावकों व कॉलेज प्रशासन ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि एक चिगारी बड़े हादसे को दावत दे सकती है, लेकिन इसके बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। शायद प्रशासन हादसे का ही इंतजार कर रहा है।
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अमसरकोट के है विद्यालय की जमीन
राजीव गांधी आवासीय नवोदय विद्यालय के लिए अमसरकोट के पास जमीन का चयन किया गया है। लेकिन अभी तक वहां पर किसी प्रकार के निर्माण कार्य शुरु नही हुआ है। अब यह कब तक होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
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कई बार इस संबंध में उच्चाधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। जमीन का भी चयन कर लिया गया है। फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं हुई है। खतरा तो हमेशा बना रहता है।
-शशिप्रकाश यादव, प्रधानाचार्य, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, बहुली
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जिला प्रशासन के संज्ञान में मामला है। जगह की तलाश की जा रही है। मिल जाएगी तो या तो गैस गोदाम या स्कूल को शिफ्ट किया जाएगा।
-हरीश रावत, मुख्य शिक्षाधिकारी, बागेश्वर