साहित्यकार जोशी को शेरदा अनपढ़ कुमाऊंनी कविता पुरस्कार
संवाद सूत्र गरुड़ कुमाऊंनी कवि मोहन जोशी को वर्ष 2019 के शेर सिंह बिष्ट शेरदा अनपढ़ कु
संवाद सूत्र, गरुड़: कुमाऊंनी कवि मोहन जोशी को वर्ष 2019 के शेर सिंह बिष्ट शेरदा अनपढ़ कुमाऊंनी कविता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। कुमाऊंनी भाषा, संस्कृति एवं प्रचार समिति तथा पहरु ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए चयनित किया है। इससे कत्यूर घाटी के साहित्यकारों में खुशी की लहर है।
कत्यूर घाटी के दर्शानी निवासी साहित्यकार मोहन जोशी कई वर्षों से लगातार कुमाऊंनी कविताओं का सृजन कर जहां साहित्य की सेवा कर रहे हैं, वहीं कुमाउनी भाषा व संस्कृति को समृद्ध करने में भी लगे हुए हैं। मोहन जोशी की अब तक कुमाऊंनी में थूपुड़, हुक धै रै, क धै, झलक कविता संग्रह व हिदी में मोहन गीत, केवल आपके लिए, आत्मा से आत्मकथ्य कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने कुमाऊंनी में रामचरितमानस, श्रीमद्भागवत गीता, कामायनी, रामलीला नाटक, सोमनाथ गाथा आदि पुस्तकों का भावानुवाद भी किया है। उनकी कई पुस्तकें अभी प्रकाशनाधीन भी हैं। उन्हें उत्तराखण्ड के भाषा संस्थान समेत कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इस साल उन्हें शेरदा अनपढ़ कुमाऊंनी कविता पुरस्कार से नवाजा जाएगा। मोहन जोशी यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले कत्यूर घाटी के तीसरे साहित्यकार हैं। इससे पहले यह पुरस्कार वर्ष 2009 में गरुड़ निवासी गोपाल दत्त भट्ट व वर्ष 2012 में रतन सिंह किरमोलिया को मिल चुका है। कवि मोहन जोशी को पुरस्कार के लिए चयनित किए जाने पर वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल दत्त भट्ट, डॉ हेम चंद्र दुबे, सीएस बड़सीला, मनोज खोलिया, बची गिरी, जीवन दोसाद, संतोष तिवारी, मुहमद यूसुफ, डीके जोशी समेत अनेक साहित्यकारों ने उन्हें बधाई देते हुए खुशी जाहिर की है।