शहीद के गांव तक नहीं बनी सड़क
जासं बागेश्वर शहीद रमेश सिंह परिहार के पैतृक गांव डुंगरगांव को अब तक मोटर रोड से
जासं, बागेश्वर: शहीद रमेश सिंह परिहार के पैतृक गांव डुंगरगांव को अब तक मोटर रोड से नहीं जोड़ा जा सका है। सालों से ग्रामीण इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। कई बार उन्होंने धरना, प्रदर्शन और अनशन किए। शहीद की पत्नी और बेटा भी अनशन में बैठे। इसके बाद भी गांव तक रोड नहीं पहुंच सकी। अब दिल्ली में रहने वाले ग्रामीण ने रोड बनाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने रोड नहीं होने से परेशान ग्रामीणों की दास्तान लिखी। उनके जल्द रोड का निर्माण कराने की मांग की।
डुंगरगांव के मूल निवासी भगवत सिंह परिहार पिछले 30 साल से दिल्ली में रहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में बताया कि वह और उनके बच्चे हर साल गर्मियों की छुट्टियां बिताने गांव जाते हैं। जहां आज भी गाड़ी से उतरकर पांच किमी से अधिक की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि आजादी को 70 साल से अधिक हो चुके हैं, लेकिन उनका गांव आज भी पहले जैसा ही है। वहां के लोगों के लिए मरीजों को डोली पर लाना आम बात है। दुल्हन को विदा करने के लिए भी मीलों तक ग्रामीण डोली लेकर जाते हैं। गांव में रोड नहीं होने से पलायन हावी है।आलम यह है कि वहां का प्राथमिक विद्यालय भी बंद हो चुका है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने डीएम से लेकर सीएम, पीएम तक ज्ञापन दिए। धरना, प्रदर्शन व आंदोलन का सहारा भी लिया। आमरण अनशन भी किए। जिसमें खुद शहीद रमेश सिंह परिहार की पत्नी और बच्चा बैठे। इसके बाद भी गांव को रोड से जोड़ने की मांग पूरी नहीं हुई। उन्होंने गांव से पलायन को रोकने और लोगों की परेशानियों का निदान करने के लिए जल्द मोटर मार्ग का निर्माण कराने की मांग की।