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नदियों को बचाने में सरला बहन की अनुयायी राधा दीदी ने खपाए 63 वसंत

बागेश्वर स्थित लक्ष्मी आश्रम कौसानी की अध्यक्ष राधा बहन 63 साल से उत्तराखंड के पहाड़ों में नदियों को बचाने का अभियान चला रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 10:38 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 10:38 PM (IST)
नदियों को बचाने में सरला बहन की अनुयायी राधा दीदी ने खपाए 63 वसंत
नदियों को बचाने में सरला बहन की अनुयायी राधा दीदी ने खपाए 63 वसंत

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : लक्ष्मी आश्रम कौसानी की अध्यक्ष राधा बहन 63 साल से उत्तराखंड के पहाड़ के लिए लड़ रही हैं। 1957 में भूदान आंदोलन के साथ उनकी पदयात्रा शुरू हुई। बालिका शिक्षा, पर्यावरण, जल, जंगल और जमीन की चिता जागी। ग्राम स्वराज, शराब आंदोलन, युवा महिला सशक्तीकरण और सर्वोदय आंदोलनों में उनकी बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी रही है। 18 साल की उम्र में घर छोड़ कौसानी पहुंची राधा दीदी वहां गरीब बालिकाओं को पढ़ना और उन्हें जीवन जीने की कला सिखाने लगीं। वर्तमान में 84 साल की राधा भट्ट का जन्म 16 अक्तूबर 1933 में हुआ। सरला बहन की बनीं अनुयायी

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महात्मा गांधी की शिष्या सरला बहन के समाज हित के कार्यो से प्रभावित होकर उनकी अनुयायी बन गई। 1957 में भू-दान आंदोलन में भाग लिया। उत्तराखंड से पहली पदयात्रा शुरू की। उप्र. और असम में विनोबा भावे के साथ रहीं। 1961 से 1965 तक बंजर गांव, ग्राम स्वराज, शराब विरोधी आंदोलन, वन संरक्षण, युवा महिला सशक्तीकरण, गाय, बकरी चुगाने वाली किशोरियों के उत्थान और सर्वोदय आदि कामों में व्यस्त रहीं। डेनमार्क, नार्वे और फिनलैंड में वयस्क शिक्षा और लोक हाई स्कूल प्रणाली में डिप्लोमा किया। बेरीनाग में स्वराज मंडल की स्थापित की। महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, खादी ग्रामोद्योग की गतिविधियों को बढ़ाया। ---------

वन संरक्षण को 75 दिनों की यात्रा

1975 सरला बहन के 75वें जन्मदिन पर पद यात्रा शुरू की। 75 दिनों की लंबी यात्रा में वन संरक्षण, चिपको आंदोलन, शराब का विरोध और ग्राम स्वराज की स्थापना के लिए लोगों को जागरूक किया। 1976 में देवीधूरा ब्लॉक से पदयात्रा शुरू की। 65 गांवों में यह यात्रा पहुंची। 40 बालवाड़ी, 30 महिला संगठन, 12 गांव को कृषि के लिए प्रेरित किया। 1980 में खनन के खिलाफ मोर्चा खोला। 2006 से 2010 तक राधा बहन में उत्तराखंड के हिमालय और नदियों का सर्वेक्षण किया। हाइड्रो पावर परियोजनाओं का विरोध किया। सुरंगों में नदी को डालने, विस्फोटकों का इस्तेमाल आदि पर लोगों को जागरूक किया।

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सोद्देश्य विदेशी यात्रा

1980 में कोपेहेगन, डेनमार्क में अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन, 1982 में अमेरिका में गांधी विचार, महिला एवं सामाजिक विकास सम्मेलन में भाग लिया। 1984 में सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय कनाडा में विकास और लोगों की पहल कार्यक्रम में भाग लिया। 1987 में रावलपिडी, पाकिस्तान में दक्षिण एशिया ग्रामीण विकास सम्मेलन में भाग लिया। सभाओं को संबोधित किया। राधा बहन ने 1988 में स्वीडन में दो महीने तक 30 बैठकों को संबोधित किया। पर्यावरण, अहिसा, महिला सशक्तीकरण पर चर्चा की। 1975 में डनेमार्क में अहिसा पर तीन महीने का व्याख्यान दिया। 1998 में बीजिग, चीन में विश्व महिला सम्मेलन में भाग लिया।

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ये मिले सम्मान

हिमालय की बेटी को जमनालाल पुरस्कार, बाल सम्मान, इंदिरा प्रियदर्शनी पर्यावरण, गौदावरी गौरव पुरस्कार।


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