संक्रमण के दौर से गुजर रही सार्वजनिक शिक्षा
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिला शिक्षा एव प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित संगोष्ठी में सार्वजनिक शि
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिला शिक्षा एव प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित संगोष्ठी में सार्वजनिक शिक्षा में देश भर में हो रहे परिवर्तनों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों कहा कि शिक्षा संक्रमण के दौर से गुजर रही है लगातार विमर्श से ही इसका निदान खोजा जा सकता हैं।
डायट में अयोजित शिक्षा में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो. एनएस भंडारी ने दीप जलाकर किया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक शिक्षा एक विचार और ¨चतन है जो वर्तमान में संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने शिक्षा के प्राचीन विरासत पर प्रकाश डाला व वर्तमान में कई बदलावों को समाहित करते हुए अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शैक्षिक नीतियां तत्कालीन राजनीतिक शासकों के द्वारा निश्चित रुप से प्राभावित होती हैं। किन्तु इसका समाधान शैक्षिक ¨चतकों के इस तरह के लगातार विमर्श से ही खोजा जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा समस्या नही है वरन समाधान का रास्ता हैं। शिक्षाविद् प्रो. विकास गुप्ता ने कहा कि सार्वजनिक शिक्षा का अर्थ एव इसके ऐतिहासिक संदर्भो पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने सार्वजनिक शिक्षा में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को इसके समाधान के अंतिम हथियार के रुप में इस्तेमाल किए जाने वाले औजार के रुप में बताया। अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को वर्ग विभाजन व गैर बराबरी के लिए जरुरी बताया।
मौके पर शोध पुस्तिका ²ष्ट विज्ञान मैनुअल पुस्तिका बागवाणी का विमोचन किया गया। इस अवसर पर डॉ. शैलेंद्र धपोला, डॉ. अरुण कुकसाल, डॉ. राकेश गैरोला, राजीव जोशी, डॉ. सीएम जोशी, भैरव दत्त पांडेहरीश रावत, प्रमोद तिवारी, देवेंद्र बिष्ट, डॉ. पंकज दुबे, डॉ. सुरेंद्र ¨सह धपोला, रवि कुमार जोशी आदि मौजूद थे।