पिरुल की उर्जा से रूकेगा गांवों से पलायन
बागेश्वर जिले की महिलाओं के लिए पाजिटिव न्यूज लेकर उरेडा आया है। पिरुल के माध्यम से गांवों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए शुरू किया गया प्रयास।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: जिले की महिलाओं के लिए पाजिटिव न्यूज लेकर उरेडा आया है। पिरुल की ऊर्जा से पलायन रोकने के प्रयास शुरू हो गए हैं। उरेडा 25 किलोवाट तक के पिरुल प्लांट लगाने जा रही है। जिसमें 25 लाख रुपये तक एक प्लांट में व्यय होगा और स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार का सुनहरा मौका मिल सकेगा। सरकार की योजना है कि पिरुल को अब जलने से बचाया जाए और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को भी कम किया जाए। जिसके तहत उरेडा, वन, उद्योग और यूपीसीएल को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। पिरुल को एकत्र कर उसे प्लांट तक लाया जाएगा और एक प्लांट में 25 किलोवाट तक बिजली का उत्पादन करने का लक्ष्य है। लाभार्थी पिरुल ऊर्जा को यूपीसीएल को बचेगा और मुनाफा कमाएगा। अलबत्ता योजना का लाभ महिला समूहों को मिलने जा रहा है। लक्ष्य है कि गांवों से हो रहे पलायन को रोका जा सकेगा। ---------- 14.50 लाख की मिलेगी सब्सिडी पिरुल ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए लाभार्थी को 10.50 लाख रुपये लगाने होंगे। 14.50 लाख रुपये सरकार सब्सिडी प्रदान करेगी। इसके अलावा 7.54 रुपये की दर से लाभार्थी उत्पादित बिजली को यूपीसीएल को बेच सकेंगे। ----------- जंगल भी जलने से बचेंगे जंगल जलने से बचेंगे। गांवों में रोजगार पैदा होगा। गांव से हो रहे पलायन पर ब्रेक लगेगा। जंगल जलने से बचने से पर्यावरण को नुकसान कम होगा। -वर्जन- उरेडा, वन, उद्योग और ऊर्जा निगम आपस में समन्वय स्थापित कर योजना को धरातल पर उतारेंगे। आठ लाभाíथयों ने आवेदन भी किए हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि आठ अगस्त घोषित कर दी गई है। -राकी कुमार, परियोजना प्रबंधक, उरेडा।