पार्किंग की समस्या, नहीं मिल रहा समाधान
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले में पार्किंग की समस्या का कोई समाधान होता नहीं दिख रहा है
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले में पार्किंग की समस्या का कोई समाधान होता नहीं दिख रहा है। जिसका असर है कि वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जबकि जिला मुख्यालय के अतिरिक्त कपकोट, कांडा, गरुड़ आदि बाजारों में दिन भर जाम लग रहा है। जिससे लोग परेशान हैं। सबसे ज्यादा समस्या जिला मुख्यालय में है। पूर्व पालिकाध्यक्ष ने नुमाइशखेत के पास 56 लाख रुपये से पार्किंग बनाने को स्वीकृति दी लेकिन वह विवाद में पड़ गया। वहीं नगर पालिका चुनाव गतिमान हैं, लेकिन किसी भी प्रत्याशी का यह मुद्दा नहीं बन सका है।
बागेश्वर जिला मुख्यालय में वाहन पाíकंग लम्बे समय से प्रमुख समस्या रही है। नगर पूरी तरह अतिक्रमण की जद में होने से पाíकंग का मसला हर बार ठंडे बस्ते में चला जाता है। पूर्व पालिकाध्यक्ष गीता रावल ने बताया कि उनके कार्यकाल में शासन से अवस्थापना निधि के तहत 56 लाख रुपये स्वीकृत हुए, बच्चा पार्क के समीप पाíकंग बनाने के लिए प्रस्ताव बने, लेकिन विवाद के चलते वह ठंडे बस्ते में पड़े हुए हैं। इसके अलावा नगर पंचायत कपकोट में भी पाíकंग की व्यवस्था नहीं है। वहां वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे जाम की स्थिति पैदा हो रही है। यही हाल गरुड़ तहसील का भी है। पाíकंग नहीं बनने से वाहन सड़क पर खड़े रहते हैं, पुलिस नो-पाíकंग जोन में वाहनों के चालान काट देती है। वहीं पालिका चुनाव में उतरे प्रत्याशी भी पाíकंग को मुद्दा बनाने से कतरा रहे हैं। ऐसे में पाíकंग का मुद्दा इस बार भी हवा-हवाई दिख रहा है।
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पाíकंग यहां बन सकती है
शहर में पाíकंग के लिए पालिका के पास भूमि नहीं है। हालांकि नए परिसीमन के बाद कठायतबाड़ा, बिलौनासेरा, मंडलसेरा आदि गांव पालिका में विलय हो गए हैं। यहां राजस्व सरकार की भूमि पर्याप्त मात्रा में है। इन स्थानों पर पालिका को पाíकंग के लिए भूमि मिलने की उम्मीद बनी हुई है।
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नगर में पाíकंग की जरूरत है। नए परिसीमन क बाद नगरपालिका का क्षेत्रफल बढ़ा है। निकाय चुनाव के बाद पाíकंग के लिए भूमि की तलाश की जाएगी। नगर को अपना पाíकंग स्थल मिलेगा।
-राजदेव जायसी, ईओ, बागेश्वर