मानसून ने बढ़ाई कुंवारी गांव के ग्रामीणों की धड़कन
मानसून ने कुंवारी गांव के लोगों की धड़कन बढा दी है। 58 परिवार विस्थापन का इंतजार कर रहे हैं।
मानसून ने बढ़ाई कुंवारी गांव के ग्रामीणों की धड़कन
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : मानसून ने कुंवारी गांव के लोगों की धड़कनें बढा दी हैं। 58 परिवार विस्थापन का इंतजार कर रहे हैं। जबकि 18 परिवारों का विस्थापन हो गया है। प्रशासन ने पूरे गांव को विस्थापित करने की योजना बनाई है।
कपकोट तहसील का कुंवारी गांव आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। गांव की जमीन लगातार खिसक रही है। जिस कारण ग्रामीण दहशत के साए में जी रहे हैं। बीते 10 वर्षों से लगातार गांव की जमीन दरकने के बाद प्रशासन ने भू-वैज्ञानिकों से गांव का सर्वे कराया। सर्वे के बाद इंजीनियरों ने ग्रामीणों को विस्थापित करने की संस्तुति की। लेकिन ग्रामीणों को विस्थापित करने की इस योजना पर धन का अभाव आड़े आ रहा है। बीते 10 सालों में 18 परिवारों को कपकोट व बागेश्वर के विभिन्न स्थानों में विस्थापित किया जा चुका है। जबकि 58 परिवारों के विस्थापन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
कुंवारी गांव खतरे में है। मानसून आते ही गांव के लोगों की धड़कनें बढ़ जाती हैं। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वे ग्रामीणों का शीघ्र विस्थापन करे।
- किशन सिंह दानू, पूर्व जिपं सदस्य एवं ग्रामीण
बीते 10 सालों से कुंवारी गांव की जमीन लगातार दरक रही है। मकानों में दरारें आ चुकी हैं। इसके बाद भी कई परिवार उन्हीं मकानों में रह रहे हैं। गांव में कुल 76 परिवार हैं। जिनमें से 18 परिवारों को विस्थापित किया जा चुका है। शासन के आदेश पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
- परितोश वर्मा, उप जिलाधिकारी, कपकोट
कुंवारी गांव के 18 परिवारों का विस्थापन किया जा चुका है। शेष प्रभावित परिवारों के विस्थापन के लिए भी सरकार प्रयत्नशील है। कुछ परिवार गांव नहीं छोड़ना चाहते हैं। सरकार प्रत्येक जनमानस की सुरक्षा के लिए कृत संकल्प है।
- सुरेश गढ़िया, विधायक कपकोट