ओलावृष्टि व अंधड़ से 30 फीसद गिरा आम का उत्पाद
बागेश्वर में फलों के राजा आम व अन्य फलों खाने के शौकीन हैं तो ये खबर आपको प्रभावित कर सकती है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: फलों के राजा आम व अन्य फलों खाने के शौकीन हैं तो ये खबर आपको निराश कर सकती है। इस बार खराब मौसम के कारण आम के उत्पादन में करीब 30 फीसद की गिरावट आई है। वहीं लॉकडाउन ने बाजार एकदम खत्म करके रख दिया है। इससे फलों दामों में बढ़ोतरी होगी ही वही तय है। महंगे आम आपके खाने का जायका बिगाड़ सकते हैं।
जिले में काफी मात्रा में आम उत्पादन होता है। कुल 565 हेक्टेयर क्षेत्रफल में इसका उत्पादन किया जाता है। इस बार आम के बौर भी अच्छे हुए थे। जिसे देखकर लग रहा था कि उत्पादन भी अच्छा होगा, लेकिन असमय प्राकृतिक आपदा की मार से यह भी नहीं बच पाए। बारिश, अंधड़ और ओलावृष्टि ने आम की फसल को प्रभावित किया है। इसी तरह तमाम प्रजाति के फलों का उत्पादन ठहर सा गया है। फलों के हर साल गिरते उत्पादन को लेकर किसान परेशान हैं। जिले के गरुड़, कांडा, कपकोट, काफलीगैर, दुग नाकुरी, शामा आदि क्षेत्रों में सेब, नाशपाती, आम, लीची, आंवला, अखरोट, आड़ू आदि फल पैदा होते हैं, लेकिन बदलते मौसम ने काश्तकारों को परेशान कर दिया है। हर साल फलों का उत्पादन गिर रहा है। फल उत्पादक मोहन सिंह, गुंसाई सिंह, प्रताप सिंह, दीवान सिंह, पार्वती देवी, सरस्वती देवी आदि ने बताया कि मौसम ने काफी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है। जिले में 240 मीट्रिक टन सेब, 5232 नाशपाती, 2180 आम, 27 लीची, 70 आंवला आदि का उत्पादन होता है। जो लगातार घटते जा रहा है। इस बार के नुकसान का आंकलन किया जा रहा हैं। इसके अलावा अदरक, इलायची, हल्दी आदि की उपज भी घट रही है। बंदरों ने भी किया नुकसान बागेश्वर: पहाड़ में बंदर फलों को खासा नुकसान पहुंचाते है। जिसका असर उत्पादन पर दिखाई देता है। उनको भगाए भी तो कब तक। झुंड में आते है नुकसान कर चले जाते हैं। सरकार से कई बार कहा गया लेकिन समस्या का समाधान नही हुआ। लॉकडाउन से कारोबार पर असर
कोरोना संक्रमण के कारण बाजार उपलब्ध होने में दिक्कत हो रही है। कई फल पकने लगे है। कुछ तो बाजार में आने भी लगे है। लेकिन बाजार सूनसान ही है। कोई आड़ती भी नही आ रहा है काश्तकारों के पास। जिससे दिक्कत बढ़ने लगी हैं।
-मौसम चक्र पर फल उत्पादन सिमट गया है। बंदरों का नुकसान भी है। अंधड़, ओलावृष्टि ने भी नुकसान किया हैं। बीमित किसानों को फसल नुकसान को बीमा राशि का भुगतान किया जाता है। आरके सिंह, जिला उद्यान अधिकारी, बागेश्वर