आठ मई से हो सकता है केएमओयू बसों का संचालन
बागेश्वर में कुमाऊं मोटर ऑनर्स यूनियन की सेवाएं आठ मई से संचालित होने की उम्मीद है।
जासं, बागेश्वर: कुमाऊं मोटर ऑनर्स यूनियन की सेवाएं आठ मई से संचालित होने की उम्मीद है। नई गाइडलाइन का चालक-परिचालकों को इंतजार है। वहीं यात्रियों को भी वाहन सुविधा मिलने लगेगी। अलबत्ता केएमओयू की 55 बसों के चक्के पिछले 22 मार्च से जाम हैं। कुमाऊं की सबसे पुरानी यातायात व्यवस्था 1939 से संचालित हो रही है। तब काठगोदाम में कुमाऊं मोटर ऑनर्स यूनियन लिमिटेड की स्थापना की गई थी। इस मोटर कंपनी की दो शाखाएं रामनगर और टनकुपर में भी खोली गईं थी। उस समय यात्रियों के अलावा बसों में राशन और सब्जी आदि भी ढोई जाती थी। कुमाऊं क्षेत्र में राजकीय रोडवेज की बसें आजादी के बाद शुरू हुई। 1947 के बाद बस, ट्रक आदि भी सड़कों पर दौड़ने लगी। केएमओयू की बसें शायद ही पहले इतने दिनों के लिए बंद हुईं। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इतने सालों में पहली बार करीब ढ़ाई माह से बसों के चक्के जाम हैं। केएमओ का संचालन नहीं होने से जहां जिले के 126 चालक, परिचालक और कर्मचारी परेशान हैं। वहीं प्रतिदिन करीब 1500 यात्रियों को भी बसों का इंतजार है। -- कम सवारी और भाड़ा भी कम जिले में 55 बसों का संचालन होता है। यह बसें हल्द्वानी, पिथौरागढ़, बनकोटी, रानीखेत, रामनगर, थल, गंगोलीहाट, सानीडियार, अठपेसिया, सौंग-मुनार, चौगांवछीना, गरुड़, कौसानी, ग्वालदम आदि स्थानों का संचालित होती हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए बसों में पचास प्रतिशत सवारियां ही बैठानी हैं। ऐसे में बस का भाड़ा कम होने से बस संचालक पशोपेश की स्थित में हैं। -वर्जन- आठ मई का इंतजार कर रहे हैं। सरकार से नई एडवाइजरी जारी होनी है। चालक-परिचालक और कर्मचारी बेरोजगार हैं। वेतन भी नहीं मिला है जब बसों का संचालन होगा तभी उनका वेतन आएगा। यदि एक बस में 50 प्रतिशत सवारी ही बिठानी पड़ी तो भाड़ा कम है। -धरधीधर जोशी, केएमओयू इंचार्ज, बागेश्वर