Move to Jagran APP

पर्यावरण दिवस.. मंडलसेरा के किशन ने बसाया जंगल, जी उठे जलस्रोत

बागेश्वर में मंडलसेरा गांव के वृक्ष मित्र पुरस्कार विजेत किशन मलड़ा की मेहनत से जलस्रोत जी उठे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 10:56 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 06:19 AM (IST)
पर्यावरण दिवस..  मंडलसेरा के किशन ने बसाया जंगल, जी उठे जलस्रोत
पर्यावरण दिवस.. मंडलसेरा के किशन ने बसाया जंगल, जी उठे जलस्रोत

घनश्याम जोशी, बागेश्वर: घटते जल स्तर की समस्या के बीच मंडलसेरा गांव के वृक्ष मित्र पुरस्कार विजेता किशन मलड़ा की बदौलत इलाके के जलस्रोत फिर से जी उठे हैं। पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की दिशा में उनकी इस पहल से ग्रामीण अब पानी के लिए मीलों नहीं भटकते।

prime article banner

52 वर्षीय किशन मलड़ा ने अपने जीवन के 30 साल 15 हेक्टेयर भूमि को हरा-भरा जंगल बनाने में लगा दिए। इससे वन्य जीवों को आसरा मिलने के साथ ही सूखते जलस्त्रोतों को भी संजीवनी मिली। शहर से सटे गांव मंडलसेरा की आबादी अब बढ़कर करीब 15 हजार पहुंच गई है। आबादी के साथ वहां पानी की किल्लत बढ़ गई। जलसंस्थान जब भी यहां पानी देने से हाथ खड़े कर देता है, तो लोग गांव के धारों का रुख करते हैं। धारों से पानी की धार अब देखते ही बनती है। पर्यावरण प्रेमी किशन मलड़ा की 30 साल की मेहनत से नौलेधारे सूखने से बच गए। 15 साल पहले गांव के सबसे बड़े धारे का पानी आधा इंच से कम रह गया था। गर्मी में तो सूखने के कगार में पहुंच जाता था। आज धारे के आसपास 15 हेक्टेयर वन पंचायत भूमि में छायादार पेड़ों का जंगल लहलहा रहा है। किशन की मेहनत से पानी के एकमात्र स्त्रोत नौलाधारा में आज एक इंच पानी आ रहा है। इससे वन्य जीवों को लाभ मिल रहा है। मंडलसेरा गांव के मलड़ाखोला तोक में बने जंगल में बांज, फल्यांट, पांगर, उतीस, बांस, सिलिग, रिगाल, अमरूद, आम के पेड़ लहलहा रहे हैं। यहां जंगली मुर्गी, बंदर, लंगूर, गुलदार समेत विभिन्न प्रजाति के पक्षी निवास कर रही हं।

----------

एक करोड़ पौध रोपण का लक्ष्य

वृक्ष प्रेमी किशन मलड़ा का लक्ष्य एक करोड़ पौध रोपण का है। वे अभी तक छह लाख पौध रोपित कर चुके हैं। 75 हजार पौध अगले दो सालों में लगाने का लक्ष्य है। अपने गांव के अलावा उन्होंने क्वैराली में 12, धौलाड़ी में पांच, मेलाडुंगरी में पांच हेक्टेयर भूमि में पौध रोपण किया है।

----------- पर्यावरण प्रेमी किशन मलड़ा ने शहर से सटे इलाके को हरा-भरा किया है। पानी के स्त्रोत को नया जीवन दिया है। उनकी मेहनत से गांव के लोग आज संकट के दौर में भी स्वच्छ पानी पी रहे हैं।

-नवीन आर्य, सभासद, मंडलसेरा वार्ड।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.