महंगाई और ऊपर से जीएसटी से बिगड़ा बजट
महंगाई को लेकर हर कोई परेशान है। आटा चावल दाल में जीएसटी लगने के बाद दाम बढ़ गए हैं।
महंगाई और ऊपर से जीएसटी से बिगड़ा बजट
---(महंगाई)----
- आटा, चावल, दाल, तेल के दाम दो वर्ष से नहीं हुए कम
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: महंगाई को लेकर हर कोई परेशान है। आटा, चावल, दाल में जीएसटी लगने के बाद दाम और बढ़ गए हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि पिछले दो सालों से खाद्य सामग्रियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।, रसोई का बजट जीएसटी के बाद फिर बिगड़ गया है।
जीना मुश्किल हो गया है। हर सामान महंगा हो गया है। जिससे रसोई को व्यवस्थित करने में काफी मुश्किल हो रही है। आटा, तेल, चावल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। उज्ज्वला नाम से मिला सिलिंडर भी नहीं भरा पा रहे हैं।
- इंद्रा जोशी, गृहणी
महंगाई तेजी से बढ़ रही है। आम आदमी परेशान हो गया है। गैस सिलिंडर के दाम भी हर महीने बढ़ रहा है। वहीं खाने-पीने के सामान भी काफी महंगे हो गए हैं। जिससे दिक्कत हो रही है।
-ऋतु कन्नौजिया, गृहणी
मंहगाई बढ़ना निश्चित ही उपभोक्ताओं की जेब में डकैती डालने के समान है। किन्तु यह सुखद भी है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की तुलना में भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत है।
- डा. रवि जोशी, कर्मचारी।
महंगाई से दुकानदारी पर असर पड़ रहा है। पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ने से खाने-पीने की वस्तुएं भी महंगी हो गई हैं। छोटे दुकानदारों का कारोबार कर पाना मुश्किल है। सरकारों को जीएसटी में छूट देनी चाहिए।
- अशोक सिंह दफौटी, परचून विक्रेता
वस्तु जून 2021 जून 2022 अगस्त 2022
आटा 28 32 34
दाल मिक्स 80 100 100
राजमा 140 160 160
चना 68 68 68
मलका 60 100 100
अरहर 100 120 120
चावल परमल 32 36 44
बासमती 100 120 120
गूरी 40 44 47
तेल 120 120 160
घी 550 600 600
बेसन 80 80 100
(नोट - दाम प्रतिकिलो और लीटर में, विक्रेता अशोक सिंह दफौटी के अनुसार।)