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सीजेएम अदालत का फैसला अपर अदालत ने रखा बरकरार, चेक से धोखाधड़ी पर एकसाल का कारावास

बागेश्वर में अपर न्यायाधीश कुलदीप शर्मा ने चेक में ओवरराइटिंग कर अधिक भुगतान करने वाले अभियुक्त की एक साल की सजा को बरकरार रखा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 11:49 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 06:17 AM (IST)
सीजेएम अदालत का फैसला अपर अदालत ने रखा बरकरार, चेक से धोखाधड़ी पर एकसाल का कारावास
सीजेएम अदालत का फैसला अपर अदालत ने रखा बरकरार, चेक से धोखाधड़ी पर एकसाल का कारावास

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: अपर न्यायाधीश कुलदीप शर्मा ने चेक में ओवरराइटिंग कर अधिक भुगतान लेने वाले अभियुक्त को एक साल की कारावास और दस हजार रुपये के आíथक दंड से दंडित किया है। उन्होंने सीएजेएम अदालत का फैसला बरकरार रखते हुए उसकी अपील भी खारिज कर दी है। 17 मई 2014 को अभियुक्त जोगा सिंह पुत्र स्व. गंगा सिंह निवासी धारी, डोबा, अमसरकोट को धारा 420 और 471 में सीजेएम अदालत ने एक साल का कठोर करावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया था। अभियुक्त ने फैसले के विरुद्ध में अपर न्यायाधीश की अदालत में अपील दायर की थी। अपर अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया और न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए अभियुक्त की अपील भी खारिज कर दी है। संक्षिप्त घटना इस प्रकार है कि ग्रामीण अभियंत्रण सेवा ने जोगा सिंह को छह लाख 91 हजार 702 रुपये का चेक जारी किया। जोगा सिंह ने सरकार को क्षति पहुंचाने की नियत से चेक में ओवरराइटिंग कर उसे 6,91,702 के स्थान पर 16,91,702 रुपये कर बैंक से भुगतान प्राप्त कर लिया। अभियुक्त ने चेक में छह के आगे एक और अंग्रेजी शब्द जोड़कर कूट रचान करते हुए प्रश्नगत चेक के मूल्य को 16,91,702 रुपये कर दिया। मामले में अभियुक्त द्वारा भुगतान करवाए गए चेक का जब दूसरे दिन जिला कोषागार को बैंक ने आवश्यक कार्रवाई को भेजा तब घटना का पर्दाफाश हुआ। आरइएस ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि चैक संख्या 036021 से 6,91,702 का है और जिसका भुगतान 16,91,702 रुपये हुआ है। एसबीआइ ने अभियुक्त के खिलाफ थाना हाजा में एफआइआर दर्ज की और मामले में अभियोजन की ओर से आठ गवाह परीक्षित कराए गए। विचारण न्यायालय सीजेएम में अभियुक्त के खिलाफ दोष सिद्ध करते हुए एक साल का कठोर कारावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया था। अभियुक्त ने निर्णय के विरुद्ध अपर सत्र न्यायाधीश कुलदीप शर्मा के अदालत में की। अपर सत्र न्यायाधीश कुलदीप शर्मा ने मामले का अध्ययन कर अभियुक्त की अपील खारिज करते हुए दंड को बरकरार रखा है। मामले में राज्य की ओर से पैरवी प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी चंचल सिंह पपोला ने की।

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